डा.जवाहर‌ धीर लिखित पुस्तक "मॉं कभी मरती नहीं" का हुआ शानदार विमोचन

यह है जवाहर धीर की 17वीं पुस्तक

डा.जवाहर‌ धीर लिखित पुस्तक

फगवाड़ा: दोआबा साहित्य एवं कला अकादमी द्वारा गत दिवस आर्य माडल सी.सै.स्कूल, गऊशाला रोड पर आयोजित समारोह में पंजाब के वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.जवाहर धीर की 17वीं पुस्तक "मॉं कभी मरती नहीं"का विमोचन एवं लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर दो शिरोमणि साहित्यकारों डा.अजय शर्मा और डा.तरसेम गुजराल ने अपने-अपने संबोधन में मॉं पर सम्पादित इस पुस्तक को न सिर्फ प्रकाशन की दृष्टि से श्रेष्ठ करार दिया, अपितु इसके विषय की भी भरपूर सराहना करते हुए कहा कि ऐसी पुस्तकें छपकर पाठकों तक पहुंचनी ही चाहिए क्योंकि मॉं पूरी सृष्टि का नेतृत्व करने वाली वह शख्सियत है,जिससे हर व्यक्ति बहुत कुछ सीख सकता। मॉं सिर्फ बच्चे को जन्म ही नहीं देती, बल्कि उसका गुरु, सुधारक, नेतृत्व करने में सक्षम और सफल मार्गदर्शक बनकर सारी उम्र उसकी रक्षा करने में मदद करती है।
होशियारपुर से आए प्रख्यात साहित्यकार
डा.धर्म पाल साहिल ने मॉं जैसे विषय को लेकर पुस्तक निकालने के लिए डा.जवाहर धीर को बधाई देते हुए कहा कि डा.धीर ने  अनेक धार्मिक यात्राओं पर भी पुस्तकें लिख कर धर्म से जुड़ी जनता की आस्था का सम्मान किया है। उनकी लिखी किताबों में यात्रा वृत्तांत, उपन्यास, कहानी, लघुकथा, कविता से जुड़े विषय रहे हैं। पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक रविन्द्र सिंह चोट ने अपने सम्बोधन में कहा कि डा.धीर की कलम में समाज को जगाने की शक्ति और हर प्रकार का संदेश देने में सक्षम है। कवि दिलीप कुमार पाण्डेय ने मॉं विषय पर सम्पादित पुस्तक की सफलता के लिए जवाहर धीर को बधाई दी। सभी अतिथियों एवं नई पुस्तक प्रकाशित होने पर दिलीप कुमार पाण्डेय तथा सुखदेव सिंह गंडवां को सम्मान चिंह भेंट करके सम्मानित किया गया।
सभी वक्ताओं ने मॉं कभी मरती नहीं पुस्तक की सफलता की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक कालजई साबित होगी। संस्था के संरक्षक ठाकुर दास चावला ने डा.धीर को सच्चे अर्थों में कलम का सिपाही बताते हुए उनकी सत्रहवीं पुस्तक के प्रकाशन पर बधाई दी।इस अवसर पर मौजूद नगर कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष मलकीत सिंह रघवौत्रा ने अकादमी की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में भी समाज को जगाने वाले कार्यक्रम आयोजित करते रहने को कहा। मंच संचालन राजेश अध्याय ने बखूबी निभाया।इस अवसर पर पधारे नामवर साहित्यकारों में प्रो.सरला भारद्वाज, वीणा विज 'उदित', प्रिं.प्रोमिला अरोड़ा, प्रिं.नीलू शर्मा,नीरू ग्रोवर 'पर्ल', रंजना पांडेय,रुचि पांडेय, बलदेव राज कोमल, हरचरण भारती,डा. दीपक, सुखदेव सिंह गंडवां, जतिंद्र गुप्ता, चारु दत्त सुधीर, जय सिंह,राजू राय आदि उपस्थित रहे।