टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल संपोषणीय विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता हैः प्रो. टी.आर. कुण्डू

संपोषणीय विकास: चुनौतियों एवं विकल्प विषय पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित।

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल संपोषणीय विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता हैः प्रो. टी.आर. कुण्डू

रोहतक, गिरीश सैनी। संपोषणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणीय संरक्षण तथा समावेशी सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था जरूरी है। इस संबंध में शिक्षा समावेशी विकास की कुंजी है। ये विचार प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एमिरेट्स डॉ. टी.आर. कुंडू ने वीरवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के तत्वावधान में -संपोषणीय विकास: चुनौतियों एवं विकल्प विषयक विशिष्ट व्याख्यानमाला में व्यक्त किए।

इस विशिष्ट व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रो. टी.आर. कुंडू ने कहा कि अपव्ययी उपभोक्तावादी जीवन शैली पूरे विश्व में पर्यावरणीय संकट को जन्म दे रही है। समाज में लैंगिक, आर्थिक तथा सामाजिक असमानताएं बढ़ी हैं। मनुष्य प्रकृति के विनाश में जुटा है। वहीं, जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग बड़ी चुनौती के रूप में विश्व के सामने हैं।
प्रो. कुंडू ने कहा कि संपोषणीय विकास के रास्ते गरीबी, लैंगिक-शैक्षणिक-सामाजिक-आर्थिक असमानताएं, बेरोजगारी, प्राकृतिक विपदाएं, पर्यावरणयी संकट चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि संपोषणीय विकास के लिए व्यवहारी जनित सोच परिवर्तन तथा संस्थागत परिवर्तन जरूरी है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल संपोषणीय विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संपोषणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए तथा पर्यावरणीय जागरूकता की अलख जगाने के लिए जन मुहिम तैयार करनी होगी। इस पर्यावरणीय संरक्षण एवं संपोषणीय का लक्ष्य हासिल करने के लिए महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को इस मिशन का ध्वजवाहक बनना होगा। कुलपति ने एमडीयू के सस्टेनेबिलिटी संबंधित प्रयासों जैसे कि सोलर पैनलों की स्थापना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, प्राकृतिक खेती, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, वेस्ट टू वेल्थ (वेस्ट मैनेजमेंट), ग्रीन ड्राइव आदि बारे बताया।

बतौर विशिष्ट अतिथि पं. एनआरस राजकीय महाविद्यालय, रोहतक के प्राचार्य डॉ. लोकेश बल्हारा ने संपोषणीय विकास के संदर्भ में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया।
विशिष्ट व्याख्यानमाला कार्यक्रम की संयोजक चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. सोनिया मलिक ने कहा कि समसामयिक महत्वपूर्ण विषय संपोषणीय विकास पर इस व्याख्यान कार्यक्रम आयोजन का उद्देश्य विषयगत जागरूकता बढ़ाना है। आभार प्रदर्शन सीआरएसआई फैकल्टी प्रो. संतोष नांदल ने किया। कार्यक्रम संचालन शोधार्थी अजय ने किया।

इस कार्यक्रम में निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, डॉ. नीरजा अहलावत, डॉ. बिमला, डॉ. किरण, डॉ. रामफूल, डॉ. नरेश कुमार, पीआरओ पंकज नैन, पं एनआरएस महाविद्यालय तथा राजकीय महिला महाविद्यालय, रोहतक के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी, एमडीयू के शोधार्थी एवं विद्यार्थी समेत सीआरएसआई के स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।