जीएसटी कौंसिल की 40वीं बैठक में 12 जून 2020 में करदाताओं को बड़ी राहतें/सीए राजीव के शर्मा

कर दाताओं को ब्याज सम्बन्धी राहतें भी दी गयी हैं

जीएसटी कौंसिल की 40वीं बैठक में 12 जून 2020 में करदाताओं को बड़ी राहतें/सीए राजीव के शर्मा
सीए राजीव के शर्मा।

जी.एस.टी. कौंसिल की 40 वीं बैठक में 12  जून 2020 कई  तर्कसंगत और स्वागत योग्य निर्णय लिए गए हैं, यह सब निर्णय भारत में व्यापार करने की आसानी प्रदान करने हेतु लिए गए हैं।  कौंसिल के इन निर्णयों को लागू करने लिए सम्बंधित नोटिफिकेशन सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ इनडायरेक्ट टैक्स और कस्टम्स द्वारा अभी जारी किये जाएंगे और यह सब निर्णय आज से ही लागू नहीं होंगे बल्कि इन निर्णयों संबधी  नोटिफिकेशन या ऑर्डर जारी होने की तिथि से यह सब निर्णय लागू  होंगे।
एक बहुत ही अच्छा निर्णय उन करदाताओं के लिए लिया गया है  जिनकी रजिस्ट्रेशन किसी भी कारण  विभाग की तरफ से कैंसिल कर दी गयी थी और उस कैंसिलेशन को रद्द करवाने के लिए 30 दिन की अधिकतम समय सीमा बीत चुकी हो।  जी.एस.टी. कौंसिल की 39वीं बैठक में भी ऐसा ही निर्णय लिया गया था  जिसे जी.एस.टी.पर अभी तक लागू नहीं किया जा सका था, इस से करदाताओं को टैक्स भरने में, कारोबार करने में  कठिनाई आ  रही थी। अब उन सभी मामलों में जहां रजिस्ट्रेशन को 12.06.2020 तक रद्द कर दिया गया हो,  उन करदाताओं को अपनी रद्द हुई रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करवाने के लिए आवेदन दाखिल करने का अवसर 30.09.2020 तक प्रदान किया जा रहा है यानि वे सब करदाता अपनी कैंसिल हुई रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाने के लिए  30.09.2020 तक आवेदन कर सकेंगे।  
साथ ही  उनके द्वारा पेंडिंग जी.एस.टी. की  3 - बी रिटर्न्स भरने पर उनके द्वारा देय लेट फीस में भी उन्हें भारी राहत मिलेगी। अगर उनके द्वारा 01.07.2020 से 30.09.2020 के बीच के समय में पुरानी पेंडिंग निल की रिटर्न भरी जानी है तो उन्हें  कोई भी लेट फीस नहीं लगेगी और अगर रिटर्न निल रिटर्न नहीं हो तो प्रति रिटर्न 500 रूपए की लेट फी लगेगी।  लेट फी में छूट जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 तक की कर अवधि के लिए उन 3 - बी  रिटर्न्स के लिए होगी जो 01.07.2020 से 30.09.2020 के बीच के समय में भरी जाएंगी।
यह भी याद रहे कि पुरानी पेंडिंग जी.एस.टी.की 3 - बी  की रिटर्न भरने पर लेट फीस में राहत सभी करदाताओं को मिलेगी चाहे उनकी जी.एस.टी.की रजिस्ट्रेशन आज की तिथि में जारी है या कैंसिल है।  
इसी तरह कर दाताओं को ब्याज सम्बन्धी राहतें भी दी गयी हैं।