प्रतिभावान विद्यार्थी वित्तीय दिक्कत की वजह से प्रवेश उपरांत उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होगाः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
पाठ्यक्रमों की विशिष्ट प्रकृति के चलते फीस की संरचना सृजित की गई।
रोहतक, गिरीश सैनी। सत्र 2024-2025 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने एनईपी 2020 को लागू करते हुए विभिन्न संकायों में नए चार वर्षीय पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं। ये पाठ्यक्रम कुछ विभागों में पूर्व में चलाए जा रहे पंचवर्षीय समेकित पाठ्यक्रमों से बिल्कुल अलग हैं।
एमडीयू ने यूजी आनर्स तथा यूजी ऑनर्स विद रिसर्च वर्ग के इन चार वर्षीय पाठ्यक्रमों के लिए फीस इन पाठ्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जरूरी फैकल्टी सदस्यों के वेतन, प्रयोगशाला तथा पाठ्यक्रम संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों, बाह्य विशेषज्ञों के मानदेय समेत पाठ्यक्रमों की वित्तीय व्यवहार्यता के तहत निर्धारित की है।
गौरतलब है कि एनईपी पाठ्यक्रमों के तहत टीचिंग वर्कलोड के लिए बजटीय शैक्षणिक पदों की सरकार से स्वीकृति होनी बाकी है। अत: विवि को स्व-वित्त पोषित माध्यम से इन पाठ्यक्रमों का संचालन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार की शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में एनईपी-2020 का क्रियान्वयन अनिवार्य है। इस पृष्ठभूमि में एमडीयू ने नए चार वर्षीय पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं। इन पाठ्यक्रमों की विशेषता है कि इसके तहत विद्यार्थी चयनित विषय में सिंगल मेजर कोर्स के साथ-साथ स्किल रिलेटेड कोर्स, वोकेशनल कोर्स, एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स, वैल्यू ऐडेड कोर्स भी पढ़ेगा। एक प्रकार से पारंपरिक कोर्स के साथ-साथ रोजगारपरक कोर्स पढ़ रोजगार योग्य, स्व-रोजगार तथा उद्यमिता योग्य बन जाएगा। चार वर्षीय यूजी ऑनर्स पाठ्यक्रम पूरा करने की सूरत में एक वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होगा। साथ ही, चार वर्षीय यूजी आनर्स विद रिसर्च उत्तीर्ण करने उपरांत पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भी पात्र होगा।
गौरतलब है कि ये चार वर्षीय पाठ्यक्रम पूर्ववर्ती तीन वर्षीय स्नातकीय पाठ्यक्रमों तथा पंच वर्षीय समेकित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों से अलग विशिष्ट प्रकृति के हैं, अत: इन पाठ्यक्रमों की फीस की संरचना इस पृष्ठभूमि में सृजित की गई है। विवि प्रशासन जरूरतमंद विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति को समझते हुए फीस फ्री-शिप प्रदान कर रहा है, जिसका विवरण प्रॉस्पेक्ट्स में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के तत्वावधान में स्टूडेंट सेंट्रीक स्किल बेस्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत वित्तीय मानदेय भी प्रदान करता है, जिसका लाभ विद्यार्थी उठा सकते हैं।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी वित्तीय दिक्कत की वजह से एमडीयू विभागों में प्रवेश उपरांत उच्च शिक्षा से वंचित न हो, इसका पूरा ध्यान विवि प्रशासन रखेगा।