ग्रीष्मकालीन अवकाश में विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए जारी है टाबर उत्सवः उपायुक्त अजय कुमार

ग्रीष्मकालीन अवकाश में विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए जारी है टाबर उत्सवः उपायुक्त अजय कुमार

विद्यार्थियों को मूर्ति, शिल्प, क्राफ्ट से थ्री-डी स्कल्पचर कला की निशुल्क शिक्षा दी जा रही।

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान जिला के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में टाबर उत्सव मनाया जा रहा है। इस उत्सव में प्रतिभागी विद्यार्थी रुचिपूर्वक कला की शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इस उत्सव का आयोजन जिला के स्थानीय भिवानी रोड स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किया जा रहा है। टाबर उत्सव में 30 जून तक हर रोज तीन घंटे विद्यार्थी मूर्ति, शिल्प, क्राफ्ट से लेकर थ्री-डी स्कल्पचर आर्ट की कला सीखेंगे।

उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा विभाग तथा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन टाबर उत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। टाबर उत्सव के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों का कला के प्रति जुड़ाव को बढ़ाना है। कार्यशाला में 5वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी ही हिस्सा ले रहे है। उन्होंने बताया कि टाबर उत्सव के दौरान विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्ति शिल्प क्राफ्ट, क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं थ्री-डी स्कल्पचर आर्ट वेस्ट मेटेरियल से क्राफ्ट एवं हरियाणवी संस्कृति से संबंधित कलात्मक विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, विद्यार्थियों की कलाकृतियां पर रंगों से भी कलाकारी के हुनर को निखारा जाएगा।

विद्यालय प्राचार्य ओकेश लता चौधरी ने बताया कि टाबर उत्सव के तहत प्रतिदिन सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक 3 घंटे विद्यार्थी इस उत्सव में निशुल्क कला का प्रशिक्षण ले रहे हैं। विद्यार्थियों में कलात्मक विषय के प्रति विशेष रूचि व उत्साह देखा जा रहा है। सोमवार को जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी संजीव सैनी, मदीना स्थित डाइट प्राचार्य वीरेंद्र मलिक और जिला शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने कैंप का अवलोकन कर बच्चों द्वारा क्ले मॉडलिंग से तैयार किये जा रहे टॉयज को देखकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया और मार्गदर्शन किया। निरीक्षण के दौरान आर्ट लेक्चरर सुनीता अहलावत भी मौजूद रही।