समाचार विश्लेषण/सुशांत की कहानी का अंत नहीं 

समाचार विश्लेषण/सुशांत की कहानी का अंत नहीं 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 

प्रतिभाशाली एक्टर सुशांत की कहानी का कोई अंत नहीं । कहानी धारावाहिक रूप से टी वी चैनल्ज पर प्रसारित हो रही है । जैसे सारे चैनल्ज की संजीवनी साबित हो रही हो सुशांत की कथा । सबके सब अपने कैमरे रिया चक्रवर्ती व सीबीआई के ऑफिस पर लगाये रखते हैं । इतनी सिक्योरिटी तो मुम्बई पुलिस भी रिया को नहीं दे सकी जितनी सिक्योरिटी मीडिया चैनल दे रहे हैं । बाकायदा रिया के परिवार को सुबह घर से लेते हैं और देर शाम पूछताछ खत्म होते ही घर छोड़ कर आते हैं । कमाल । एक के साथ एक फ्री । रिपोर्टिंग की रिपोर्टिंग और सिक्योरिटी की सिक्योरिटी । है न टू इन वन ? 
कहानी शुरू हुई थी कंगना द्वारा नेपोटिज्म का बड़ा आरोप लगाने से । फिर करण जौहर , आलिया भट्ट , महेश भट्ट, शेखर कपूर , सलमान खान पता नहीं कितने नाम चर्चा में आए । करण जौहर को तो फोन नम्बर ही बदलना पड़ा । सडक टू का विरोध हुआ । फिर कहानी ने मोड़ लिया और ग्लैमर , डिप्रेशन और धोखे पर आकर टिकी जब सुशांत के पिता और बहनों ने आरोप लगाया कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है और रिया ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है । रिया ने पंद्रह करोड़ रुपये खुर्द बुर्द कर दिए सुशांत के अपने परिवार के साथ मिलकर । यूरोप के टूर के नाम पर लाखों रुपये लगा दिए और डिप्रेशन की बीमारी अलग से दे दी । कहा गया कि रिया काला जादू करती थी और तीन लाख रुपये से सुशांत के घर से भूत भगाये और वश में पूरी तरह कर लिया । जैसे पुरानी कहानियों में तोता बना लिया जाता था । सुशांत के कार्ड और नम्बर से पैसा उडाकर ऐश करती रही । क्या पिता को कुछ मालूम नहीं था ? क्या मां अपनी बेटी के बदलाव को नोटिस नहीं कर पाई ? भाई शौबिक तो साथ ही मिल गया और फिर आया ड्रग रैकेट । इसे भी कंगना रानौत ने ही पेश किया । धमाकेदार इंटरव्यू में । कहानी फिर नये मोड़ पर आ गयी । अब कंगना रानौत मांग कर रही है कि जैसे खिलाड़ियों का डोप टेस्ट होता है वैसे ही कलाकारो का ड्रग टेस्ट जरूरी किया जाए । मुम्बई में तो ड्रग तस्करों की जान बसती है और उनके ग्राहकों फिल्म स्टार ही होते हैं । कंगना के अनुसार ये स्टार किड घर में ड्रग पार्टियां देखते हैं और  बड़े होकर उसी माहौल में रंग जाते हैं । कंगना ने रणबीर सिंह , रणबीर कपूर और विक्की कौशल के नाम तक ले दिए हैं ।  दूसरी ओर शेखर कपूर कह रहे हैं कि सुशांत के लिए न्याय सीबीआई की जांच की मांग को लेकर शुरू हुआ था । वह लक्ष्य प्राप्त कर लिया । अब सीबीआई को जांच करने दीजिए और उस पर भरोसा कीजिए । पर टीवी चैनल हैं कि बिल्कुल समांतर जांच चला रहे हैं। 

 इसका एक नया मोड़ कल सुशांत सिंह के परिवार के वकील विकास सिंह ने कर दिया मीडिया के रू ब रू होकर । उन्होंने कहा कि कुछ चैनल्ज द्वारा सुशांत के परिवार की इज्जत उछाली जा रही है इंटरव्यू के नाम पर । यदि यह ऐसे ही चलता रहा तो अब यह चेतावनी दी जा रही है कि मानहानि के केस के लिए तैयार रहें । उसके बाद वही चैनल अपने आपको खूब निष्पक्ष बताने की कोशिश में लगा रहा । दो चैनल सीधे टकरा रहे हैं -एक सुशांत के लिए न्याय की मुहिम चलाये हुए है तो दूसरा हर पक्ष को सुनने की दुहाई के नाम पर इंटरव्यू परोस कर टीआरपी बढ़ाने में लगा है । इसलिए वकील विकास सिंह ने यह चेतावनी देना जरूरी समझा । अब इस कहानी का क्या अंत होगा ? या यह कहानी कौन से मोड़ की ओर चली जायेगी । कह नहीं सकते पर क्राइम पेट्रोल जैसे अपराध के धारावाहिक भी इस पटकथा के आगे बुरी तरह पिट रहे हैं । है कि नहीं ?