समाचार विश्लेषण/सुशांत आत्महत्या और सीबीआई 

समाचार विश्लेषण/सुशांत आत्महत्या और सीबीआई 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 

सुशांत सिंह राजपूत एक प्रतिभाशाली युवा अभिनेता थे और उनके दुखद अंत पर सब स्तब्ध हैं । परिवार , समाज , फिल्मी दुनिया के य॔गस्टर्ज और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी । इसीलिए इस युवा प्रतिभाशाली अभिनेता के दुखद निधन पर सीबीआई जांच की ओर ले जाने के निर्देश दिये गये हैं । मज़ेदार बात यह कि खुद रिया चक्रवर्ती केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पहले ही यह गुहार लगा रही थी कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाये । मुम्बई पुलिस पर बिहार सरकार को भी भरोसा नहीं था । इसीलिए पटना में के के सिंह ने एफआईआर दर्ज करवाई और बिहार पुलिस मुम्बई जांच के लिए पहुंच गयी । मुम्बई पुलिस ने कमाल कर दिया जब बिहार पुलिस के जांच करने गये उच्च पुलिस अधिकारी को कोरोना को देखते चौदह दिन के लिए आइसोलेट कर दिया । ऐसा क्या डर था ? दूसरे पुलिस अधिकारी भी ठंडे पड़ गये । यही मुम्बई पुलिस चाहती थी । अब न मुम्बई पुलिस और न बिहार पुलिस अब सीबीआई करेंगी जांच । 

रिया चक्रवर्ती पर सुशांत की बड़ी कमाई को अपने व परिवार पर खर्च करने का आरोप परिवार ने लगाया है और यह भी कहा जा रहा है कि अब वकीलों को मोटी फीस कहां से दी जा रही है ? वही सुशांत के पैसे के बल पर ? सुशांत की रहस्यमयी मृत्यु किसी भी फिल्म के मसाले से कम नहीं । चांद पर सबसे पहले प्लाट खरीदने वाला सुशांत धरती पर जी नहीं पाया , आकाश का एक सितारा बन कर रह गया । तभी तो शिव बटालवी कह गये:
जोबन रुते जो बी मरदा 
चन्न बने या तारा....
मांएं नी मांएं 
असीं जोबन रुते मरना....


पर अंकिता की माने तो सुशांत मरना नहीं जीना चाहता था । एक जोशीला व्यक्ति था । वह ऐसा कदम उठा ही नहीं सकता । जरूर इसमें कोई लोचा  है । यह भी कि इसकी मैनेजर दिशा सालयान और सुशांत की आतमहत्याओं के बीच जरूर कोई कनेक्शन है । यह कनेक्शन ढूंढना होगा सीबीआई को । अभी तक तो जांच का सिर्फ मुकाबला चल रहा था । मैं करूंगा , मैं करूंगा । जांच की ओर कोई ध्यान नहीं था । अब सीबीआई से उम्मीद करते हैं । 
वैसे सुशांत के परिवार की ओर से जीजा व हरियाणा पुलिस के उच्चाधिकारी व हिसार के भी एस पी रहे ओ पी सिंह और मुम्बई पुलिस के उच्चाधिकारी परमजीत दहिया के बीच फरवरी माह की वाट्स अप चैट वायरल हो रही है या जानबूझकर की गयी है । इससे यह संकेत मिलता है कि परिवार को फरवरी में इस मामले की गंभीरता पता चल गयी थी । फिर एफआईआर दर्ज करवाने से कतराते क्यों रहे ? यदि एफआईआर दर्ज करवा दी होती और रिया से पुलिस पूछताछ करती तो शायद ....शायद ....सुशांत को रिया की चंगुल से छुड़वा लिया जाता या फिर सुशांत ऐसा कदम उठाने को मजबूर न होता । बहुत सारे प्रश्न हैं और उत्तर सीबीआई को ढूंढने हैं ....