विद्यार्थी वैज्ञानिक सोच विकसित कर मानव कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग का रास्ता प्रशस्त करें: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह 

दो दिवसीय सांइस कानक्लेव शुरू। 

विद्यार्थी वैज्ञानिक सोच विकसित कर मानव कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग का रास्ता प्रशस्त करें: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह 

रोहतक, गिरीश सैनी । बिना विज्ञान जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। विज्ञान जीवन की प्रगति का आधार है। जरूरत है कि विद्यार्थी वैज्ञानिक सोच विकसित करें तथा मानव कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग का रास्ता प्रशस्त करें। ये आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में साइंस कानक्लेव 2023 में अध्यक्षीय भाषण में किया। सभी के लिए विज्ञान (साइंस फारॅ ऐबरीवन) विषय पर यह दो दिवसीय सांइस कानक्लेव टैगोर सभागार  में प्रारंभ हुआ।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विश्व में आज ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज, पर्यावरणीय क्षरण जैसी समस्याओं का निराकरण विज्ञान के जरिए ही संभव होगा। स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निराकरण भी वैज्ञानिक पहल के जरिए संभव है। कुलपति ने कहा कि एमडीयू प्रमूख रूप से जीव विज्ञान क्षेत्र में वैज्ञानिक  उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। कुलपति ने कहा कि एमडीयू समुदाय समेत हम सब को वैज्ञानिक सोच के साथ मानव कल्याण के लिए कार्य करना होगा।

साइंस कानक्लेव 2023 के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि पं बी डी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक की वाइस चांसलर प्रो. अनिता सक्सेना ने कहा कि मनुष्य जीवन में सांस लेने से लेकर जीवन के सभी आयामों में विज्ञान समाहित है। उन्होंने स्वास्थ्य तथा चिकित्सा विज्ञान के मनुष्य जीवन तथा वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि चिकित्सीय क्षेत्र के अनुसंधान मनुष्य जीवन तथा मानव कल्याण के लिए अहम है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन (रिसर्च एंड डेवलपमेंट), प्रो. अरूण नंदा ने कहा कि इस वैज्ञानिक कार्यक्रम साइंस कानक्लेव के आयोजन से विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होगी। वैश्श्विक स्तर पर विभिन्न विज्ञान संबंधित रूझानों तथा नए विकास पहलुओं की जानकारी इस कानक्लेव के जरिए विद्यार्थियों को मिलेगी।

साइंस कानक्लेव में मुख्य भाषण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बैंगलूरू के वरिष्ट वैज्ञानिक, समूह निदेशक (सिस्टम्स रिलायबिलीटी, स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्सन एण्ड सेंसर्स) डा. बीडी रघुपति ने दिया। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की विकास यात्रा, चंद्रयान मिशन, आदि की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में कौतूहल होना जरूरी है।

हरियणा स्पेस एप्लकेशन सेंटर (हिसार) के पूर्व निदेशक डा. बी एस आर्य ने स्पेस एप्लीकेशन्स के विविध पहलुओं बारे विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में मंच संचालन प्राध्यापिका डा. महक डांगी ने किया। डीन (सीडीसी) प्रो ए एस मान तथा निदेशक आईक्यूएसी प्रो वी नरसिम्हन की विशेष उपस्थिति उद्घाटन सत्र में रही। आभार प्रदर्शन डीन (लाइफ सांसेज) प्रो. राजेश धनखड़ ने किया।

पीजीआईएमएस (रोहतक) के वरिष्ठ प्रोफेसर डा. सुखबीर सिंह का विशेष व्याख्यान भी सांइस कानक्लेव में हुआ।

विश्वविद्यालय के संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, विज्ञान विभागों के प्राध्यापक, शोधार्थी, विभिन्न विद्यालयों के लगभग 1500 विद्यार्थी, स्कूल शिक्षक आदि कार्यक्रम में शामिल हुए।