साहिबजादों के अदम्य साहस की गाथा पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोतः कुलपति प्रो. सुदेश

चुनौतियों का सामना करना सिखाता है साहिबजादों का बलिदानः डॉ. परविन्दर कौर

साहिबजादों के अदम्य साहस की गाथा पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोतः कुलपति प्रो. सुदेश

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। 'वीर बाल दिवस' के उपलक्ष्य में भगत फूल सिंह महिला विवि में छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के सौजन्य से कन्या गुरुकुल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कुलपति प्रो. सुदेश ने अपने संदेश में इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं को गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के अदम्य साहस और धर्म की रक्षा के लिए उनके निःस्वार्थ बलिदान के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन बाल वीरों की गाथा न केवल सिख इतिहास बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत है।

बतौर मुख्य वक्ता, आईएचएल की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परविन्दर कौर ने बताया कि वर्ष 1705 में धर्म व देश के लिए अपना जीवन बलिदान देने वाले साहिबजादों की याद में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। उन्होंने साहिबजादों की जीवन यात्रा और उनके अद्वितीय बलिदान से अवगत कराते हुए कहा कि उनका बलिदान हमें सत्य, साहस और कर्तव्य निष्ठा के मार्ग पर चलते हुए सभी चुनौतियों का सामना करना सिखाता है। तत्कालीन मुगल शासकों ने इस्लाम स्वीकार न करने के कारण साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह को 26 दिसंबर 1705 को फांसी दे कर शहीद कर दिया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कन्या गुरुकुल की प्राचार्या सुमिता सिंह ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा में गुरु गोबिंद सिंह जी का अतुलनीय योगदान है। उन्होंने महान क्रांतिकारी ऊधम सिंह के जन्मदिवस पर छात्राओं को उनकी बहादुरी से भी अवगत करवाया। इस दौरान छात्राओं ने भाषण, कविता एवं पोस्टर के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम संचालन सुनीता शर्मा ने किया।