गांधी कैंप के साथ अन्याय किया प्रदेश सरकार नेः विधायक भारत भूषण बतरा

जनता के सामने रखा विधायक निधि का ब्यौरा।

गांधी कैंप के साथ अन्याय किया प्रदेश सरकार नेः विधायक भारत भूषण बतरा

रोहतक, गिरीश सैनी। विधायक भारत भूषण बतरा प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे। रोहतक में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक निधि का ब्यौरा सार्वजनिक करते हुए बतरा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार एक ही काम की कई-कई बार घोषणा कर लोगों को गुमराह करती है।

उन्होंने कहा कि वे हरियाणा के उन चुनिंदा विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने 5 करोड़ रुपए की ग्रांट अवेल की है। जिनमें से अधिकतर काम पूर्ण हो चुके हैं। बहुत ही कम काम प्रोसेस में है। उन्होंने कहा कि शहर के विकास में पार्टीबाजी से ऊपर उठकर उन्होंने भाजपा पार्षदों के वार्डों में भी काम के लिए ग्रांट की व्यवस्था की। भाजपा पार्षद कंचन खुराना के वार्ड में सारे काम विधायक ग्रांट से हुए हैं। इसी तरह भाजपा पार्षद राधेश्याम ढल के वार्ड में भी कई काम उनकी ग्रांट द्वारा करवाए गए हैं।

विधायक बतरा ने कहा कि मनीष ग्रोवर मंत्री बने तो 2019-2020 की वीएएनजीवाय स्कीम के 2 करोड़ रुपए में से उन्होंने एक भी काम की रिकमेंडेशन नहीं की थीं। वह राशि बतौर विधायक ग्रोवर ने इस्तेमाल नहीं की। अक्टूबर 2019 के बाद उन्होंने वह पूरी ग्रांट वीएएनजीवाय स्कीम के अंदर इस्तेमाल की। अब वीएएनजीवाय स्कीम में दो करोड़ की रिकमेंडेशन 2022-2023 के लिए कर चुके हैं। इसकी मंजूरी आते ही 2023-2024 के लिए भी रिकमेंड कर दी जाएगी।

विधायक बतरा ने कहा कि कुछ लोग हर चीज को राजनीति से जोड़ते हैं और अक्सर मर्यादा भूलकर बेतुकी बयानबाजी करते हैं। रोहतक के मेयर ने स्वयं स्वीकार किया है कि 01-04-2022 से 31-03-2023 तक  सरकार की तरफ से 3 करोड़ रुपए निगम को मिले, जिससे गड्ढे भरे गए। अब सुनने में आ रहा है कि शहर की मुख्य सड़कों को बनाने के लिए टेंडर लगाए गए है। अब यह तो निगम कमिश्नर बताएंगे कि कौन सी सड़क है और कब तक बनेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले काफी दिनों से भाजपा के एक पूर्व मंत्री कह रहे है कि हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान रोहतक में कुछ नहीं हुआ। ये वही लोग हैं जो पूरे हरियाणा में घूम कर उस समय प्रचार कर रहे थे कि विकास केवल रोहतक का ही हुआ है। भाजपा पहले यह तय करे कि उस समय झूठ बोला था या अब लोगों को बरगला रहे हैं। विधायक बतरा ने दोहराया कि हुड्डा सरकार के दौरान 8 फ्लाईओवर, हेल्थ विश्वविद्यालय, सुपवा यूनिवर्सिटी, आईआईएम, आईएमटी, राजीव गांधी खेल स्टेडियम, फुटवियर डिजाइन संस्थान, होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, हुडा सिटी पार्क, टैगोर ऑडिटोरियम, राधा कृष्ण ऑडिटोरियम, रोहतक की सिक्स लेन-फोर लेन कनेक्टिविटी, ओपन एयर थिएटर, सड़कों का सौंदर्यीकरण आदि अनगिनत कार्य हुए।

उन्होंने कहा की लोकतंत्र में सरकार को सत्ता पक्ष चलाता है, पर विपक्ष का भी उतना ही अहम रोल होता है। विपक्ष सरकार को काम करने के लिए बाध्य करता है। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गोहाना रोड की सड़कों सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में नंगे पैर कई-कई फुट पानी में पिछली बार नुकसान का मुआयना किया तो मजबूरी में मुख्यमंत्री को वहां के लिए मुआवजा देना पड़ा।

बतरा ने कहा कि रोहतक में गंदे पेयजल, ठप्प सीवरेज प्रणाली और स्टॉर्म वाटर सिस्टम का मामला उन्होंने बार-बार विधानसभा में उठाया। अब जल शक्ति मिशन के अंदर 10 करोड़ रुपए उन्होंने सरकार से रोहतक के लिए मंजूर करवाए हैं।

बतरा ने गांधी कैंप पर बोलते हुए कहा कि आज तक यहां के विस्थापित लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ। भाजपा सरकार के एलिवेटेड रेलवे ट्रैक प्रोजेक्ट ने गांधी कैंप को बर्बाद कर दिया। सरकार ने 1956 से यहां आबाद लोगों को उजाड़ दिया। जिन 37 दुकानदारों की दुकानें तोड़ी गई, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई। रेलवे ने 37 दुकानें तोड़ी और अभी भी 10 दुकानें ऐसी हैं जिसका रेलवे की जमीन पर कब्जा है और उसे तुड़वाया जाना बाकी है। 15 फुट की सड़क बनाने के लिए 158 भू-स्वामियों की 7110 गज स्क्वेयर यार्ड जमीन ली जाएगी। बतरा ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने यहां के लोगों से वादा किया गया था कि एक दुकान के बदले दो दुकान मिलेगी, लेकिन अब मना किया जा रहा है। 15 फुट रास्ता देने का प्रोसेस बहुत लंबा है।

उन्होंने कहा की सरकार अधिग्रहण करने के मूड में नहीं है और जिन लोगों की जमीन खाली करवानी है, उस सर्वे में धांधली की गई है। सरकार सैंतालीस दुकानों को अतिक्रमण मानती है, और उसे किसी प्रकार का कोई मुआवजा देने के मूड में नहीं है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांधी कैंप में दौरा किया तो सरकार के हाथ पांव फूल गए। सरकार जिन को अवैध कहती है, उनके पास रजिस्ट्रियां हैं, फिर भी उन्हें मुआवजा देने से मना कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के दौरे के बाद अब सुनने में आया है कि सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है। इस के साथ ही पुराने बाजार की 30 फुट की सड़क का वायदा करते-करते 5 साल बीत गए।

बतरा ने चेताया कि गांधी कैंप को सरकार अकेला समझने की कोशिश ना करे। वे पूरी ताकत के साथ एक-एक पीड़ित के साथ खड़े हैं। जहां तक भी यह लड़ाई लड़नी पड़ी लड़ेंगे लेकिन नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं करेंगे।