अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और सहयोग की भावना विकसित करते हैं खेलः डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान
निसिंग, गिरीश सैनी। खेलकूद केवल शारीरिक विकास का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह विद्यार्थियों में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और सहयोग की भावना विकसित करते हैं। ये उद्गार हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने व्यक्त किए। वे सांभली स्थित जे.एम.डी. अकादमी के वार्षिक खेलकूद दिवस पर विद्यार्थियों और शिक्षकों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। अकादमी के निदेशक विकास राणा ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में सदैव मुख पर मुस्कान बनी रहनी चाहिए तथा खेल और पढ़ाई दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का संस्कार विकसित करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने बड़ों और शिक्षकों का सदैव सम्मान करें, क्योंकि यही संस्कार उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। उन्होंने युवाओं से मातृभूमि के लिए जीने, सीखने और समर्पण भाव से कार्य करने का संकल्प लेने का आह्वान भी किया।
डॉ. चौहान ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास संभव है, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को हार-जीत से ऊपर उठकर खेल भावना को अपनाने और नियमित रूप से खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान खो-खो एवं कबड्डी टीमों के कप्तानों ने अपनी-अपनी टीमों का परिचय कराया। सभी खेल टीमों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखे गए। इस खेलकूद कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत श्लोकों के साथ की गई तथा समापन सामूहिक सूर्य नमस्कार के माध्यम से किया गया। विकास राणा ने विद्यालय की शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ सभी विषयों को मंत्रों से जोड़कर शिक्षण किया जाता है। उन्होंने बताया कि -दस का दम कार्यक्रम के अंतर्गत 10 × 10 = 100 गतिविधि को शामिल किया गया है, जिसमें 100 अंक शैक्षणिक मूल्यांकन एवं
100 अंक शारीरिक गतिविधियों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
Girish Saini 


