जीएनडीयू के हिन्दी- विभाग में प्रेमचंद हिन्दी साहित्य परिषद के अंतर्गत विशेष व्याख्यान  का आयोजन 

जीएनडीयू के हिन्दी- विभाग में प्रेमचंद हिन्दी साहित्य परिषद के अंतर्गत विशेष व्याख्यान  का आयोजन 

अमृतसर: आज गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के हिन्दी- विभाग में प्रेमचंद हिन्दी साहित्य परिषद के अंतर्गत विशेष व्याख्यान  का आयोजन किया गया | इस अवसर पर नार्वे से पधारे प्रोफेसर सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' आमंत्रित वक्ता थे | विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए उनके जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला | उन्होंने कहा कि शरद आलोक अपने मानवतावादी लेखन के लिए जाने जाते हैं | विदेशी पृष्ठभूमि पर लिखी गयी इनकी रचनाओं ने हिन्दी साहित्य विशेषकर कविता को नये आयाम दिए हैं | इनके साहित्य में भारतीयता की महक आती है | ये रचनाएं वैश्विक संदर्भों को समेटकर चलती हैं | डॉ. सुरेशचन्द्र शुक्ल ने अपने व्याख्यान में अपनी रचना प्रक्रिया से अवगत कराया, साथ ही नार्वे और भारत के खास संबंधों का जिक्र भी किया | उन्होंने नार्वे की संस्कृति और भौगोलिक परिवेश की जानकारी भी दी | अपने व्यक्तित्व के अनुरूप उन्होंने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया | इस अवसर पर उपेंद्र यादव के सद्यः प्रकशित काव्य-संग्रह 'तुम्हारे होने से' का विमोचन भी किया गया |कार्यक्रम के अंत में डीन, भाषा संकाय डॉ. सुधा जितेंद्र ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए निरंतर ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया | इस दौरान डॉ. सुनीता शर्मा व  डॉ. सपना शर्मा सहित विभाग के शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे |