पंजाब यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग में फ़ैज़  अहमद फ़ैज़ और कृष्ण चंद्र की स्मृति में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन 

पंजाब यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग में फ़ैज़  अहमद फ़ैज़ और कृष्ण चंद्र की स्मृति में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन 

चंडीगढ़, नवंबर 24, 2023: पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के उर्दू विभाग में फ़ैज़  अहमद फ़ैज़ और कृष्ण चंद्र की स्मृति में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

चंडीगढ़: उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़,और  पंजाब उर्दू अकादमी, मलेर कोटला  (पंजाब सरकार) के तत्वावधान में फ़ैज़  अहमद फ़ैज़  और कृष्ण चंद्र की स्मृति में उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें प्रो. रेहाना परवीन और डॉ. सुल्तान अंजुम ने फ़ैज़  अहमद फ़ैज़  और कृष्ण चंद्र के साहित्यिक कार्यों पर चर्चा की.

 प्रोफेसर रेहाना परवीन ने कृष्णचंद्र के कथा लेखन पर प्रकाश डाला  उन्हों ने कहा कि उनकी कहानियों में लोगों के छिपे हुए दर्द और भावनाओं को कैसे प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कृष्णचंद्र के उपन्यास 'शिकस्त ' के बारे में विस्तार से चर्चा की। डॉ. सुल्तान अंजुम ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कला दृष्टि पर अपने विद्वत्तापूर्ण भाषण में कहा कि फ़ैज़ ने प्रगतिशील लहज़े से पहले प्रेम के विषयों को अपनी रचना का विषय बनाया, लेकिन बदलती परिस्थितियों के साथ उनकी शायरी में अलग-अलग विषय जुड़ते गए, आज के दौर में भी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ युवा पीढ़ी के दिलों की धड़कन बने हुए हैं। कार्यक्रम के अंत में उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने समापन भाषण में कहा कि फैज अहमद फैज और कृष्ण चंद्र दोनों के विषय काफी मिलते-जुलते हैं. दोनों की प्रतिबद्धता, दृष्टिकोण, विषय और आवाज एक जैसी हैं। दोनों प्रगतिशील विचारधारा के समर्थक हैं। जिस तरह फैज़ ने अपने विषयों को शास्त्रीय प्रतीकों और रूपकों के पर्दे में प्रस्तुत किया, उसी तरह कृष्ण चंद्र ने भी अपनी कहानियों के विषयों के लिए लेखन की रोमांटिक शैली का सहारा लिया। और कहानियों में जो प्रस्तुत किया गया है उससे पता चलता है कि कृष्ण चंद्र की अपनी कहानियों पर किस हद तक पकड़ थी। कार्यक्रम का आयोजन मुहम्मद सुल्तान शाही द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत विभाग की छात्रा सिमरन जीत कौर के शबद गायन से हुई, इसके बाद डॉ. ज़रीन फातिमा और उनके सहयोगियों ने फैज़ की कविता पाठ से किया।इस कार्यक्रम में फारसी विभाग के छात्र सुदीप सिंह ने फैज की कविता सुनाई, साथ ही जिन छात्रों ने फैज की कविताएं सुनाई उनमें मित्तल, मुस्कान , जेपी सिंह और खलीक आदि शामिल हैं। अंत में फ़ारसी विभाग के शिक्षक डॉ. जुल्फिकार अली ने अतिथियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त किया।