उर्दू विभाग में 'अल्लामा इक़बाल की काव्य दृष्टि' विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया

 उर्दू विभाग में 'अल्लामा इक़बाल की काव्य दृष्टि' विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया

चंडीगढ़: पंजाब उर्दू अकादमी मलीयर कोटला के सहयोग से उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ने ‘अल्लामा इकबाल की काव्य दृष्टि’ विषय पर बोलते हुए उर्दू के नामवर साहित्यकार और शाइर प्रोफ। नाशिर नकवी ने  कहा कि इकबाल केवल विचारों और भावनाओं की कविताएं  कहने वाले नहीं हैं, बल्कि बेदारी पैदा करने वाले जज़्बात से भरी कवीयताओं के शाइर हैं। उन्होंने आगे कहा कि इकबाल एक ही समय में कवि, लेखक और दार्शनिक थे, यही कारण है कि उनके यहाँ अन्य उर्दू कवियों की तुलना में अधिक dimensions  हैं। प्रो. नाशीर नकवी ने आगे कहा कि उनकी शायरी में गति और समय को खास तौर पर जगह दी गई है ,जिसका स्पष्ट उदाहरण इकबाल की शाइरी है।

प्रो. रेहाना परवीन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में 'उर्दू दिवस' के बारे में बात करते हुए इकबाल की शायरी की महानता पर प्रकाश डाला और छात्रों से इकबाल की शायरी को हमेशा अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखने की अपील की।

कार्यक्रम की शुरुआत में उर्दू एवं फारसी विभाग के विद्यार्थियों ने इकबाल की गजलें एवं कविताएं प्रस्तुत कीं। बाद में उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने  मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए कहा कि इकबाल ने जहां एक ओर खुदी का फ़लसफ़ा प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रेम को प्राथमिकता देते हुएखुदी  को सर्वोपरि बताया। डॉ. जुल्फिकार अली ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया । अंत में, डॉ. ज़रीन फातिमा ने प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।