छोड़ हवस का दामन पगले प्रेम तो है बस खुशबू खुशबू
पंजाब विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में बीडी कालिया हमदम का विशेष व्याख्यान
चंडीगढ़, 27 अक्टूबर, 2025: पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के उर्दू विभाग में आज एक भव्य काव्य एवं साहित्यिक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात कवि एवं लेखक श्री बीडी कालिया हमदम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. अली अब्बास के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने अतिथि का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि उर्दू विभाग छात्रों में काव्य एवं साहित्यिक रुचि को प्रोत्साहित करने के लिए केवल पुस्तकों और लेखकों की जीवनियों के अध्ययन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रतिष्ठित कवियों और लेखकों को आमंत्रित करके उन्हें सीधे मिलने और बातचीत करने का अवसर भी प्रदान करता है।
अतिथि लेखक और कवि बीडी कालिया हमदम ने अपने व्याख्यान में उर्दू कविता और गद्य के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए अपनी सुंदर कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आज के दौर में प्यार और प्रेम जैसे गहरे अर्थ वाले शब्द हमारी भाषा, समाज और आपसी संवाद से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शब्दों की गहराई को समझने की ज़रूरत है और केवल एक अच्छा कवि और लेखक ही आपको शब्दों में निहित भावनाओं के करीब ला सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने विभिन्न काव्य और गद्य विधाओं में प्रयोग किए हैं और यहाँ तक कि नात के रूप में प्यारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम का इज़हार भी किया है। अंत में, बीडी कालिया हमदम ने अपनी पसंदीदा कविता "उर्दू" भी सुनाई, जिसे छात्रों ने खूब पसंद किया। इस कविता में उन्होंने उर्दू के प्रमुख कवियों के नामों का खूबसूरती से ज़िक्र किया।
सत्र के अंतिम चरण में, छात्रों ने अतिथि कवि से उनकी कविता से संबंधित कई खुले प्रश्न भी पूछे। बीडी कालिया हमदम ने उनके गहन उत्तर दिए और छात्रों की साहित्यिक रुचि की भी प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में, फ़ारसी विभाग के शिक्षक डॉ. ज़ुल्फ़िकार अली ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
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