दोआबा कॉलेज में जीवन कौशल के विकास में अध्यापक की भूमिका पर संगोष्ठी आयोजित

दोआबा कॉलेज में जीवन कौशल के विकास में अध्यापक की भूमिका पर संगोष्ठी आयोजित
दोआबा कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. निष्ठा मेहरा प्राध्यापको को सम्बोधित करती हुई ।

जालन्धर, 27 नवम्बर, 2025: दोआबा कॉलेज की इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) तथा ऐजुकेशन विभाग द्वारा जीवन कौशल के विकास में अध्यापक की भूमिका पर संगोष्ठी आयोजन किया गया । जिसमें डॉ. निष्ठा मेहरा, साइंटिस्ट ‘डी’, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुई। जिनका हार्दिक अभिनन्दन, प्रि. डॉ. प्रदीप भंडारी, डॉ. राजीव खोसला-संयोजक आईक्यूएसी, डॉ. अविनाश चन्द्र-ऐजुकेशन विभागाध्यक्ष व प्राध्यापकों ने किया ।  
    डॉ. निष्ठा मेहरा ने उपस्थिति को बताया कि शिक्षक की भूमिका केवल ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के साथ ज्ञान प्राप्त करने के लिए साकारात्मक माहौल बनाने का कार्य करना चाहिए । उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को सामाजिक भावनात्मक लर्निंग के महत्व पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान करनी चाहिए कि कैसे एक शिक्षण संस्थान में इस प्रक्रिया द्वारा एक सुरक्षित भावनात्मक एवं शिक्षण अनुकूल वातावरण विकसित किया जा सकता है । 
    डॉ. मेहरा ने कहा कि जीवन कौशल (Life Skills) आधुनिक शिक्षा का अनिवार्य एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं । उन्होंने बताया कि कक्षा में सोशल ईमोशनल लर्निंग को शामिल करने से शिक्षक एक बढ़िया मार्गदर्शक, प्रेरक और सहयोगी की भूमिका अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं, जिससे विद्यार्थियों में तनाव प्रबंधन, संवेदनशील संवाद, सकारात्मक संबंध जैसी क्षमताएँ विकसित की जा सकती है ।
     अपने संबोधन में प्रि. डॉ. प्रदीप भंडारी ने अध्यापकों को प्रेरित करते हुए कहा कि तेजी से बदलते परिवेश में अध्यापकों को भी नई चीजें सीखने के लिए एक प्रबल प्रवृत्ति होनी चाहिए । उन्होंने कहा लाईफ लॉंग ऐंजोएमैंट का अर्थ निरंतर सीखते रहना ही होता है । अतः शिक्षकों को जीवनपर्यंत सीखने वाला लाईफ लॉंग लर्नर ही बनना चाहिए।  
    प्रि. डॉ. प्रदीप भण्डारी और संयोजकों ने डॉ. निष्ठा मेहरा को सम्मान चिह्न देकर सम्मानित किया । 
    डॉ. अविनाश चन्द्र ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया । मंच संचालन डॉ. मनजीत कौर ने बखूबी किया । प्रश्नोत्तर काल में प्राध्यापकों ने अपने सवाल पूछ कर अपनी जिज्ञासा को शांत किया ।