जीवन में आत्म विश्वास, एटीट्यूड, पॉजिटिव आउटलुक, क्रिएटीविटी बेहद जरूरी हैः विवेक अत्रे

इंडक्शन प्रोग्राम के तीसरे दिन हास्य कवि सम्मेलन आयोजित

जीवन में आत्म विश्वास, एटीट्यूड, पॉजिटिव आउटलुक, क्रिएटीविटी बेहद जरूरी हैः विवेक अत्रे

रोहतक, गिरीश सैनी। पॉजिटिविटी के साथ जीवन पथ पर चलने तथा समाज को सार्थक पूर्ण योगदान देने का प्रभावी संदेश महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे इंडक्शन प्रोग्राम में शुक्रवार को प्रतिष्ठित मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे तथा कर्मयोगी नवीन गुलिया ने दिया। 

इंडक्शन प्रोग्राम में पूर्व आईएएस अधिकारी, नामी टेड स्पीकर, लेखक विवेक अत्रे ने कहा कि जीवन में आत्म विश्वास, एटीट्यूड, पॉजिटिव आउटलुक, क्रिएटीविटी बेहद जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अच्छी पुस्तकें पढ़ने, खेल से जुड़ने, ओवर थिंकिंग से बचने तथा पॉजिटिविटी को आत्मसात करने का मंत्र दिया। विद्यार्थियों को विनयशील बनने की सीख भी विवेक अत्रे ने दी। विनयशीलता के संदर्भ में प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन के जीवन के प्रसंग को उन्होंने साझा किया। जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी दिमाग ठंडा रखने की सीख विवेक अत्रे ने दी। जीवन का असल उद्देश्य खुशी प्राप्ति है, ऐसा उनका कहना था। अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर प्रसन्नता का मार्ग चुनने की बात उन्होंने कही।

नामी समाज सेवक, पूर्व सैन्य अधिकारी, प्रेरक वक्ता कर्मयोगी नवीन गुलिया ने कहा कि जीवन का वास्तविक अर्थ अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्धता है। जीवन में यदि समाज-राष्ट्र के लिए योगदान नहीं, तो ऐसा जीवन अर्थहीन है। विद्यार्थियों से सकारात्मक सोच रखने तथा अपने आत्म सम्मान को हर सूरत में बनाए रखने का आह्वान नवीन गुलिया ने किया। महात्मा गांधी तथा शहीद भगत सिंह के जीवन तथा कर्म से प्रेरणा लेने की बात नवीन गुलिया ने कही।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जीवन पर्यंत सीखने की ललक होनी चाहिए। जीवन में लक्ष्य के प्रति फोकस, लक्ष्य हासिल करने का जोश-जुनून तथा मानवता का भाव रखने की नसीहत कुलपति ने दी।

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने दिया। दोपहर कालीन सत्र में हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. के.सी. शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वयं को पहचानने, स्वयं की क्षमता को पहचानने का आह्वान किया। भगवत गीता के संदेश को आत्मसात करने की सीख प्रो. शर्मा ने दी। आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने किया।

शुक्रवार को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन विद्यार्थियों के लिए किया गया। प्रतिष्ठित कवि दिनेश रघुवंशी, प्रताप फौजदार, शंभू शिखर तथा जगबीर राठी ने अपनी रचनाओं से उपस्थित जन को मंत्रमुग्ध किया। कवि जोगेन्द्र मोर तथा राजकुमार धनखड़ ने भी कविता प्रस्तुतियां दी। इंडक्शन प्रोग्राम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई। इस दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ की प्रो वाइस चांसलर प्रो. सुषमा यादव भी विशेष तौर पर शामिल हुई।

इंडक्शन प्रोग्राम में निदेशक, सेंटर फॉर डिस्टेंस एण्ड ऑनलाइन एजुकेशन एवं डिजीटल लर्निंग सेंटर प्रो. नसीब सिंह गिल तथा खेल निदेशक प्रो. आरपी गर्ग ने भी संबोधन किया। प्रो. नसीब सिंह गिल ने विश्वविद्यालय ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म तथा इसके महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. आरपी गर्ग ने एमडीयू की खेल सुविधाओं एवं उपलब्धियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।