गुरुग्राम विवि में परमाणु ट्रैक और विकिरण माप विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में जुटे देश-विदेश से विद्वान
गुरुग्राम, गिरीश सैनी । गुरुग्राम विश्वविद्यालय में सोमवार को परमाणु ट्रैक और विकिरण माप विषय पर पांच दिवसीय 28वीं अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इंटरनेशनल न्यूक्लियर ट्रैक सोसाइटी और गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र और अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़, हरियाणा के सहयोग से आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डीएसईयू और एनएसयूटी के कुलपति प्रो. अशोक कुमार नागावत उपस्थित रहे।
इस मौके पर 28वीं आईसीएनटीआरएम-2023 पर आधारित बुक ऑफ़ एबस्ट्रैक्ट्स का विमोचन भी किया गया। कांफ्रेंस अध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार ने स्वागत भाषण दिया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में कोरिया, चेक रिपब्लिक, इटली, नार्थ टेक्सास, रशिया, बुल्गारिया, फ्रांस, चाइना, नेपाल, जापान, अल्जीरिया देशों के शोधकर्ता एवं वैज्ञानिकों ने भाग लेते हुए संबंधित विषय पर अपने विचार रखे। आईएनटीएस के अध्यक्ष डॉ. आरपी चौहान ने इस कांफ्रेंस के लक्ष्यों के बारे में बताते हुए कहा कि इंटरनेशनल न्यूक्लियर ट्रैक सोसाइटी की स्थापना परमाणु-संबंधित अनुसंधान और विकास और नई तकनीक में काम करने वाले अनुसंधान समुदाय ने की थी। पहला सम्मेलन, कोलोक्वियम ऑन कॉर्पस्कुलर फोटोग्राफी, 1957 में स्ट्रासबर्ग (फ्रांस) में आयोजित किया गया था। 1976 में म्यूनिख (जर्मनी) में इसका नाम बदलकर "ठोस में परमाणु ट्रैक पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन" कर दिया गया। 3 वर्ष में एक बार आयोजित की जाने वाली इस कांफ्रेंस का आयोजन इस बार भारत में गुरुग्राम विश्वविद्यालय में किया जा रहा है।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं तथा वैज्ञानिकों का कार्यक्रम में पहुँचने पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि परमाणु ट्रैक डिटेक्टर और विकिरण मापन (आईसीएनटीआरएम-2023) पर यह 28वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन परमाणु विज्ञान के क्षेत्र और इसके बहुमुखी अनुप्रयोगों को आगे बढ़ाने के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। दुनिया भर से प्रतिभाशाली दिमाग विकिरण और उसके मापन के रहस्यों को जानने के हमारे प्रयास में एकजुट हुए हैं। विकिरण माप और अन्य अनुप्रयोगों के क्षेत्र में क्रांति लाने में सॉलिड स्टेट न्यूक्लियर ट्रैक डिटेक्टरों (एसएसएनटीडी) द्वारा निभाई गई अपरिहार्य भूमिका को पहचानना अनिवार्य है। इन डिटेक्टरों ने पारंपरिक परमाणु विज्ञान की सीमाओं को पार कर लिया है, जो हमें विकिरण डोसिमेट्री, न्यूट्रॉन फ्लक्स माप और विभिन्न अन्य महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों की गहन समझ प्रदान करते हैं।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. अशोक कुमार नागावत ने उन सकारात्मक तरीकों पर विचार-विमर्श किया जिनसे परमाणु विज्ञान का उपयोग मानव जाति और मानवता की भलाई के लिए किया जा सकता है। अग्रवाल कॉलेज के प्राचार्य एवं कांफ्रेंस अध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत ने धन्यंवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर गुरुग्राम विवि के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह, डॉ. सुभाष कुंडू, प्रो. अभय यादव, मौहम्मद रफ़ीक, डॉ. प्रताप सिंह, प्रो. सरला समेत विवि के अधिकारी मौजूद रहे।
Girish Saini 


