संदीप शर्मा: रामलीला से राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सतरंगी तक 

संदीप शर्मा: रामलीला से राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सतरंगी तक 
संदीप शर्मा।

-कमलेश भारतीय 
बचपन में रामलीला में राम का रोल करता था और छोटा भाई अरविंद लक्ष्मण का । वहां से ऐसी दिलचस्पी बढ़ी कि 'सतरंगी' फिल्म के निर्माण तक पहुंची , जिसे क्षेत्रीय फिल्म के रूप में  राष्ट्रीय पुरस्कार मिला । यह बताया जींद के एक्टर , डायरेक्टर व पटकथा लेखक संदीप शर्मा ने । वे आज अपने बड़े भाई सुनील राज शर्मा को जिंदल अस्पताल में चैकअप करवाने आए तो मैं भी उनके अनुरोध पर वहीं पहुंचा । चैकअप के बाद वहीं छोटे से पार्क में बातचीत हुई । वैसे संदीप शर्मा अभी 19 सितम्बर को हिसार आये थे काॅलेज कांड की प्रमोशन के सिलसिले में निर्देशक राजेश अमरलाल बब्बर व एक्टर यशपाल शर्मा के साथ ! उस दिन पूरी टीम के साथ पूरा दिन हिसार के काॅलेजों में बिताया था ।मूल रूप से जींद के निवासी संदीप शर्मा ने ग्रेजुएशन जींद के ही गवर्नमेंट काॅलेज से की और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी , चंडीगढ़ के इंडियन थियेटर में एम ए की । इसके बाद सन् 1992 में मुम्बई चले गये संघर्ष के लिए ।

 

-एक्टिंग का शौक कब से ?
-बचपन से ही । मोहल्ले में सांझी बनाते और रामलीला में मैं राम तो छोटा भाई लक्ष्मण का रोल करता था । 
-ग्रेजुएशन के दौरान क्या क्या किया ?
-थियेटर , हरियाणवी एकल नृत्य ,हरियाणवी आर्केस्ट्रा आदि में भाग लिया ।
-किस आइटम में पुरस्कार मिला ?
-थियेटर में । पहले साल युद्ध जारी है नाटक में श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला युवा समारोह में । फिर किया 'और जिंदगी सिसकती रही ' ! 'सिंहासन खाली है' और ' त्रिशंकु' भी किये । सिंहासन खाली है में फिर श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार पाया । राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणवी एकल नृत्य में भी द्वितीय पुरस्कार ! 
-फिर कैसे गंभीर हुए थियेटर के लिए ?
-सोचता था कि पुलिस , सेना , खेतीबाड़ी या फिर फिल्मों में से किसी एक को चुन लूं । पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था । इसलिए कैसे टेस्ट पार कर पाता ? खेतीबाड़ी तो पढ़ाई के साथ साथ भी करता ही था । सोचा फिल्मों में निकल लेता हूं और इंडियन थियेटर में दाखिला ले लिया ।
-वहां कौन कौन से नाटक किये ?
- वहां यशपाल शर्मा मेरे सहपाठी थे । वहां 'अंधा युग' और 'नीम हकीम' में काम किया । नीम हकीम में नारी पात्र की भूमिका निभाई जबकि यशपाल डाक्टर की भूमिका में था ! 
-फिर मुम्बई कब गये ? 
-सितम्बर माह में , सन् 1992 में ! 
-वहां क्या क्या कर पाये ?
-रवि राय के सहायक के रूप में काम मिला । फिर अनुपम खेर के 'इम्तिहान' में भी सहायक । आलोक नाथ , अनंग देसाई , रेणुका शहाणे, राजू खेर आदि को निर्देशित करने का अवसर मिला । 'हैलो इंस्पेक्टर ' में रवि किशन के साथ मेन लीड रोल किया । सन् 2004 में अनुराग बसु की 'गैंगस्टर ' और 'लाइफ इन ए मेट्रो में भी असिस्टेंट डायरेक्टर था ' सफल रहीं । सोनी टीवी पर 'लवस्टोरी' निर्देशित किया । स्टार वन पर 'दिल मिल गए '  गीत हुई सबसे पराई डायरेक्ट किये । 
-सतरंगी बनाने का विचार कैसे ? 
-सन् 1992 से ही और सोचता था कि जींद के दो सिनेमाघरों में एक दिन मेरी फिल्म के पोस्टर भी लगेंगे लेकिन सन् 1995 तक आते आते दोनों सिनेमाघर बंद हो गये । मैंने भी इस सपने को बैकग्राउंड में डाल दिया । फिर सन् 2014 में मुझे हार्ट में दिक्कत के चलते अस्पताल में रहना पड़ा और सोचा कि सतरंगी का सपना पूरा करूंगा यदि इससे बच निकला ! और कुदरत का करिश्मा कि बच गया और सन् 2015 अक्तूबर माह में ही फिल्म पूरी कर ली थी । तब तक जींद में भी सिनेमा आ गया था और वहां मेरी फिल्म के पोस्टर लगे । सपना पूरा ! सन् 2016 में 'सतरंगी' को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल गया ।
-कोई और फिल्म भी बनाई ?
-जी । 'नंगे पांव' ! निर्देशित की । दो घंटे की फिल्म में  -यशपाल और गुलशन ग्रोवर ! सतरंगी में यशपाल , नर्गिस ना॔दल , आशिमा , सचिन शौकीन और गीता अग्रवाल शर्मा और महावीर गुड्डू आदि भी हैं ! 
-अभी राजेश अमरलाल बब्बर की हरियाणवी वेब सीरीज मे क्या रोल है आपका ?
-वाइस प्रिंसिपल का रोल है । इसी प्रकार 1600मीटर में मैंने पिता का रोल किया है । फौजा में दोस्त बना हूं । अभी 28 अक्तूबर को आ रही है हरियाणवी वेब सीरीज 'ओपरी पराई' इसमें हीरोइन के पिता का रोल कर रहा हूं । हीरोइन अंजवी हुड्डा है ! 
-परिवार के बारे में बताइए ।
-पिता हंसराज शर्मा जो पीडब्ल्यू डी में कर्मचारी थे । मां विद्या देवी गृहिणी । घर की जिम्मेदारी बड़े भाई सुनील राज शर्मा संभालते रहे । पत्नी पूनम पत्रकारिता में रही और सतरंगी की प्रोड्यूसर भी है । बेटा क्षितिज,एमबीए कर रहा है ।
-कभी थियेटर के लिए डांट नहीं पड़ी ? 
-मां पापा ने तो नहीं डांटा लेकिन बड़े भाई सुनील आज भी कहते हैं कि अच्छा पढ़ लिखकर कोई नौकरी कर लेता ! उनको इस लाइन की समझ नहीं है । जब गैंबलर में विलेन का रोल किया और उन्होंने सीरियल देखी तो फोन आया कि ऐसे रोल करने से अच्छा कि तुम घर ही लौट आओ ! 
-स्टेज एप का अनुभव ?
-अच्छा है । हरियाणवी कलाकारों को प्लेटफॉर्म मिला ।
-आगे क्या इरादा ?
-फिल्म निर्देशन और एक्टिंग ! 
हमारी शुभकामनाएं संदीप शर्मा को ।