लघुकथा/समाजसेवा

लघुकथा/समाजसेवा
कमलेश भारतीय।

कमलेश भारतीय 
एक  समाजसेवी संस्था की पत्रकार वार्ता में गया । वहां किसी गांव में सिलाई स्कूल खोलने की चर्चा हुई । संस्था ने यों ही पत्रकारों से सुझाव मांगा कि कोई गांव आपके ध्यान में हो तो बताएं । 
मैंने अपने ही गांव की जानकारी दी । वहां कभी सिलाई स्कूल नहीं खुला । सुझाव स्वीकार हो गया । गांव के सरपंच से बात की । पंचायत भवन में समारोह रखा गया । लड़कियां इतनी उत्साहित कि साठ सिलाई सीखने को तैयार । सबने पहले ही नाम लिखा दिए । भव्य उद्घाटन समारोह हुआ । बाद में जलपान।
जब राजनीतिक अतिथि चले गये तब एक लड़की झिझकती हुई मेरे पास आई । 
-कुछ बात करनी है । उसने धीमी आवाज में कहा । 
- बताओ । 
- पाजी । सरपंच ने पांच पांच रुपये लिए हैं , हम लड़कियों से । 
तभी सरपंच साहब आ गये । बात उन्होंने सुन ली थी । 
एकदम से बोले -चाय क्या गुरुद्वारे ले जाकर पिलाता ? उसके लिए हैं । समाजसेवी संस्था भी इस समाजसेवा से भौंचक्की रह गयी । मैं निरुत्तर ।