प्राथमिक शिक्षा में मार्च 2026 तक रोहतक को बनाया जाएगा निपुण जिलाः उपायुक्त सचिन गुप्ता
कहा, जिला प्रशासन की ये पहल शिक्षा के क्षेत्र में बनेगी रोल मॉडल।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा है कि प्राथमिक शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पढ़े रोहतक-लिखे रोहतक कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पहली से पांचवीं कक्षा तक के सभी बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणित कौशल हासिल करने के लिए तैयार करना है। जिला प्रशासन ये कार्यक्रम निपुण हरियाणा मिशन के साथ मिलकर चला रहा है।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि पढ़े रोहतक-लिखे रोहतक कार्यक्रम के माध्यम से मार्च 2026 तक रोहतक को 100 प्रतिशत निपुण जिला बनाना है। उन्होंने कहा कि आधारभूत साक्षरता और गणित कौशल ही बच्चों की शिक्षा नींव को मजबूत बना सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा सुधार के क्षेत्र में एक रोल मॉडल बनेगी।
उपायुक्त ने कहा कि जुलाई 2025 में शुरू किए गए इस अभियान के तहत विद्यालयों में पढ़ाई को अधिक व्यवस्थित, परिणाम-आधारित और बच्चों के अनुकूल बनाया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों, अभिभावकों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। प्राथमिक समीक्षा में पाया गया कि कई बच्चे वांछित ज्ञान के बिना ही अगली कक्षाओं में पहुंच रहे थे। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने मिशन मोड में यह कार्यक्रम शुरू किया।
उपायुक्त ने कहा कि सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 40 मिनट का विशेष जीरो पीरियड लागू किया गया है, जिसमें बच्चों को पढऩे और गणित की बुनियादी समझ पर विशेष ध्यान दिया जाता है। डिजिटल स्किल पासबुक के तहत हर बच्चे की प्रगति को डिजिटल माध्यम से नियमित रूप से दर्ज किया जा रहा है, जिससे समय पर सुधार और मार्गदर्शन संभव हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि निपुण वाटिका एवं उन्नत आंगनवाड़ी के तहत विद्यालयों में निपुण वाटिकाएँ विकसित की गई हैं तथा 50 आंगनवाडिय़ों को बच्चों की प्रारंभिक तैयारी के लिए उन्नत किया गया है। अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई से जोड़ने के लिए मदर-टीचर सर्कल बनाए गए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि कार्यक्रम के चलते पठन दक्षता 28 से बढ़कर 64 प्रतिशत और घटाव दक्षता 44 से बढ़कर 78 प्रतिशत हो गई है। इस पहल की राज्य स्तर पर सराहना की गई है और इसके कई घटकों को हरियाणा के अन्य जिलों में भी अपनाया गया है।
Girish Saini 


