शोध समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरीः प्रो. बी.एस. घुम्मन

दस दिवसीय रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स शुरू।

शोध समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरीः प्रो. बी.एस. घुम्मन

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू में शोधार्थियों को शोध की नवीनतम तकनीकों और पद्धतियों से अवगत कराने के उद्देश्य से सोमवार को दस दिवसीय रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स शुरू हुआ। इस विशेष कोर्स का आयोजन इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) के सहयोग से किया जा रहा है।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रतिष्ठित शिक्षाविद और पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के पूर्व कुलपति प्रो. बी. एस. घुम्मन ने बतौर मुख्य अतिथि किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। प्रो. ध्यान कौर एवं डीन, आर एंड डी प्रो. हरीश दुरेजा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।


प्रो. घुम्मन ने शोध को समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरी बताते हुए कहा कि युवा शोधार्थियों को केवल डिग्री प्राप्ति के उद्देश्य से शोध नहीं करना चाहिए, बल्कि समाज की ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए शोध कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में शोध तभी सार्थक होगा जब वह व्यवहारिक जीवन में बदलाव लाने वाला हो।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एमडीयू निरंतर गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इस प्रकार के कोर्स शोधार्थियों को न केवल नई कार्यप्रणालियों से परिचित कराते हैं, बल्कि उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का भी कार्य करते हैं।

 

डीन, आर एंड डी प्रो हरीश दुरेजा ने कहा कि प्रतिभागी इस कार्यशाला में प्रख्यात विद्वानों और शोध विशेषज्ञों से सीधा संवाद कर शोध पद्धति की गहराइयों को समझेंगे। संस्थान के निदेशक प्रो. संदीप मलिक ने स्वागत संबोधन किया और कोर्स की विस्तृत रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस दस दिवसीय कार्यशाला में देशभर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए 30 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।