रंग आंगन नाट्योत्सव - क्रांति की चिंगारी अम्बाला से भड़की 

राखी का शानदार नृत्य और कठपुतली शो 

रंग आंगन नाट्योत्सव - क्रांति की चिंगारी अम्बाला से भड़की 

-कमलेश भारतीय 
रंग आंगन नाट्योत्सव के सातवें दिन तीन अलग अलग रंग देखने को मिले । जहां सूचना व जनसम्पर्क विभाग की ओर  से सन् 1857 की क्रांति गाथा संगीतमय ढंग से रखी गयी , वहीं कत्थक नृत्यांगना राखी जोशी ने अपनी छात्राओं के साथ बहुत खूबसूरत नृत्य प्रदर्शित किया । इन दोनों के अतिरिक्त राजस्थान से आये कलाकार ने कठपुतली शो दिखाकर न केवल बच्चों बल्कि वरिष्ठ लोगों का भी मनोरंजन किया । तीनों प्रस्तुतियां लाजवाब रहीं ।


##क्रांति गाथा : सूचना एवं जनसंपर्क विभाग , हरियाणा की ओर से चंडीगढ़ से आई रंगटोली ने बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुति दी सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की । इसमें हरियाणा के सैनिकों द्वारा अम्बाला में सबसे पहले क्रांति की शुरूआत की गौरव गाथा है ।गाय व सूअर की चर्बी वाले कारतूस के विरोध में देश में सबसे पहले क्रांति अम्बाला की सैनिक छावनी में शुरू हुई और यहां से ये चार सौ सैनिक रेवाड़ी पहुंचे । रास्ते में इन्हें ग्रामीणों ने खाना और सुरक्षा प्रदान की । राव तुला राव व राजा नाहर सिंह ने भी इन सैनिकों को हर संभव सहायता धन और सैनिकों की सहायता प्रदान की जिससे इन सैनिकों ने गुरुग्राम व हरियाणा के अन्य शहरों में कब्जा कल लिया और अंग्रेजों को भगा दिया । इसमें चाइनीज गिल मुख्य भूमिका और गायन में रहे । इनके अतिरिक्त प्रगति शर्मा न केवल सूत्रधार की भूमिका में रहीं बल्कि अच्छा हरियाणवी नृत्य कर इसे प्रभावशाली बना दिया । इनके अतिरिक्त सौरभ , हर्ष राणा , सुरेंद्र नरूला, जसवीर कुमार , गोपाल  देव, प्रदीप गिरि, गुरनूर और माधव अन्य भूमिकाओं मे रहे । 
हमारा सर्कस कठपुतली शो : राजस्थान से आये दो कलाकारों नः लगभग पौने घंटे तक हमारा सर्कस के अंतर्गत कठपुतली शो दिखाया जिससे न केवल बच्चों बल्कि वरिष्ठ लोगों का भी खूब मनोरंजन हुआ । कठपुतली शो हर नाट्योत्सव में मनीष जोशी आयोजित करते हैं । इससे कठपुतली नचाने वाले कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करते हैं । मोहम्मद शमीम की प्रस्तुति खूब रही । कठपुतलियों में जैसे जिन डाल दी ।


##गणपति बप्पा मौर्या : सबसे अंतिम प्रस्तुति रही कत्थक नृत्यांगना राखी जोशी की अपनी छात्राओं के साथ नृत्य कला की जो गणपति बप्पा मौर्या से शुरू हुई और पौने घंटे तक शानदार ढंग से गोरी सलोनी तोरे नैना तक चलती रही । इसमें राखी जोशी के साथ शालू गहलोत, सोनाली , दिविजा सिंह , प्रेरणा बिश्नोई , आशा और वैष्णवी आदि ने प्रभावशाली प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया ।