पर्यावरण संरक्षण के लिए गांवों में लगने लगे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट, इंटरलॉकिंग टाइलों से बनी नई सड़कें

ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग ने कोरोना महामारी क बावजूद गांवों में जारी रखे विकास कार्य, लोगों को रोजगार भी मिला

पर्यावरण संरक्षण के लिए गांवों में लगने लगे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट, इंटरलॉकिंग टाइलों से बनी नई सड़कें

फिरोजपुर: पर्यावरण संरक्षण के लिए जहां देशभर में कचरे के निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है, वहीं ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग की तरफ से गांवों में भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट लागू किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट गुरुहरसहाय ब्लॉके गांव मारे कलां में तैयार किया गया है।


विस्तृत जानकारी देते हुए एडीसी (विकास) श्री रविंदरपाल सिंह संधू ने बताया कि गांव में 6.03 लाख रुपए की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत गांव में कूड़े का प्रबंधन साइंटिफिक तरीके से किया जाता है और कूड़े से खाद भी बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि सभी घरों से कूड़ा इकट्ठा करके उसे सेग्रीगेट किया जाता है। यहां गांव में कूड़े से जैविक खाद बनाने के लिए चार कंपोस्ट पिटें भी बनाई गई हैं, जिसमें कूड़े से खाद बनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।


इस मामले में और अधिक जानकारी देते हुए डीडीपीओ श्री हरजिंदर सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट कई दूसरे गांवों में भी लगाया जा रहा है ताकि पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की दिशा में उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ कूड़े का निस्तारण होता है ब्लकि हमारे पर्यावरण के लिए भी यह एक अच्छा प्रयास है।


उन्होंने बताया कि इसके अलावा गांव में पंचायत की तरफ से 8.03 लाख रुपए की लागत से इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने का प्रोजेक्ट भी पूरा किया गया है। यह इंटरलॉकिंग टाइलें एक लिंक रोड पर लगाई गई हैं, जिससे इस सड़क का कायाकल्प हो गया है। उन्होंने बताया कि गांव वासियों की तरफ से इस सड़क की मरम्मत की मांग की जा रही थी, जिसके बाद इस सड़क को इंटरलॉकिंग टाइलों से तैयार किया गया है। डीडीपीओ ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद सरकार की तरफ से विकास कार्य जारी हैं और फंड्स की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि इन कार्यों से एक तरफ जहां गांवों की डवलपमेंट हो रही है, वहीं संकट के इस दौर में लोगों को आजीविका भी उपलब्ध हो रही है।