महिला सशक्तिकरण में जनभागीदारी की अहम भूमिका हैः कुलपति प्रो सुदेश

बीपीएसएमवी में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।

महिला सशक्तिकरण में जनभागीदारी की अहम भूमिका हैः कुलपति प्रो सुदेश

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। महिला सशक्तिकरण बिना जनभागीदारी के संभव नहीं है। सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है। ये बात भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां की कुलपति प्रो सुदेश ने मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित -महिला सशक्तिकरण और सतत विकास लक्ष्य विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कही।

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र: पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा प्रायोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कुलपति प्रो सुदेश व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कुलपति प्रो सुदेश ने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण एक बड़ी जिम्मेदारी है और इस क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। उन्होंने कहा कि महिला विश्वविद्यालय की कुलपति होने के नाते उन्हें महिलाओं से संबंधित मुद्दों को नजदीक से जानने व समझने का अवसर मिला है। महिला आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी शिक्षा के मूलभूत अधिकार से वंचित है, जिसे बदलने की जरूरत है।

कुलपति प्रो सुदेश ने अपने प्रभावशाली संबोधन में महिलाओं, विशेषकर छात्राओं को स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने महिला विश्वविद्यालय के एम.एस.एम. आयुर्वेद संस्थान द्वारा महिला स्वास्थ्य व स्वच्छता को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की बात भी कही। उन्होंने शोधार्थियों से अन्य विभागों के साथ मिल कर इस प्रकार के आयोजन नियमित रूप से करने का आह्वान किया।

कुलपति प्रो सुदेश ने महिला विश्वविद्यालय के इतिहास को रेखांकित करते हुए भगत फूल सिंह द्वारा नारी शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए किए गए त्याग का उल्लेख किया और कहा कि वर्तमान दौर में लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ना आवश्यक है।

मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के प्रो आशुतोष प्रधान ने अपने संबोधन में सतत विकास के विभिन्न लक्ष्यों पर चर्चा की। उन्होंने लैंगिक समानता का लक्ष्य पाने के लिए वैश्विक साझेदारी को जरूरी बताया। उन्होंने महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, कामकाजी महिलाओं के साथ वेतन असमानता आदि मुद्दों पर भी बात की।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में अध्यक्षीय संबोधन करते हुए इग्नू के प्रो-वाइस चांसलर प्रो किरण हजारिका ने समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए बिना आरक्षण भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करने की बात कही।

सेमिनार निदेशक तथा सामाजिक कार्य विभाग की अध्यक्ष डॉ.मंजू पंवार ने स्वागत संबोधन किया तथा संगोष्ठी की विषयवस्तु प्रस्तुत की। उद्घाटन सत्र का संचालन शोधार्थी कृतिका ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ दीपाली माथुर ने किया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 10 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर सहित देश भर से प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।