उम्र की ठिठुरन को ताप देती कवि गोष्ठी

साहित्य संगम ट्राइसिटी जीरकपुर ने मोहाली में किया साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन

उम्र की ठिठुरन को ताप देती कवि गोष्ठी

मोहाली : साहित्य संगम, ट्राइसिटी, जीरकपुर ने मोहाली में साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया। साहित्य संगम की प्रेरणा स्रोत उम्र दराज कवित्री सुरजीत बैंस के आवाह्न पर गत दिवस मोहाली में आयोजन की गयी। गोष्ठी का आगाज करते हुए ग़ज़ल कार ट्राइसिटी के नए मेहमान विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ' की कर्णप्रिय नवनीत शब्दावली में ढली गजलों को भरे हाल के  श्रोताओं ने तालियों की गरमाहट दी। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मलकीत बसरा, अमरजीत कौर, हरभजन कौर ढिल्लों, मुरारी लाल अरोड़ा, अमरिंदर कौर, प्रोफ़ेसर योगेश्वर कौर और प्रिंसिपल गुरदेव कौर की रचनाएं साहित्य संपदा से सराबोर महसूस की गई।
  टेकचंद अत्री नें ,गोष्ठी का संचालन करते हुए युवा लोकगीत कार एकम  माणुके, वीरेंद्र चट्ठा, रेडियो एंकर दीपाली, पूर्वांचल की महक लिए श्रीधर शर्मा के गीतों को बारी-बारी परोसते हुए अपनी कविता 'बेटी' भी प्रस्तुत की। साहित्य समागम की अध्यक्षता करते हुए कहानी व उपन्यासकार जसवीर भुल्लर ने तन्मयता से सभी को सुना व सराहा। तिरंगे में लिपटे शहीद के ताबूत को सभी नम आंखों से आदर देते हैं पर उनकी यादों से भरा काला बक्सा, कविता का उनका प्रस्तुतीकरण सभी को मार्मिक लगा।
कवित्री मनजीत इंदिरा, इंदु बाला सिंह के बाद सुरजीत बैंस की झुर्रियों से छनती मधुर उम्रदराज ध्वनि सभी चेहरों पर लालिमा बिखेर गई। उनके अतिथि सत्कार की सभी ने सराहना की। साहित्य संगम के सफल कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए सुरजीत बैंस ने महीने के हर द्वितीय शनिवार को गोष्ठी करवाने संबंधी आगामी प्रबंधन/कार्यभार का उत्साह भी दिखाया ।
साहित्य संगम के अध्यक्ष प्रोफेसर फूलचंद मानव के शब्दों में 'किसी भी कलाकार को छोटा नहीं आंकना चाहिए। पायदान पर चढ़ता कलाकार शिखर पर पहुंच जाता है बशर्ते कि वह साहित्य में ढलने की आदत बनाए रखें। सभी श्रोताओं वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए उन्होंने गोष्ठी का समापन किया।