पैनल चर्चा में नीति और उद्योग के बीच संबंधों पर हुई चर्चा
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के अर्थशास्त्र विभाग के सौजन्य से 'विकसित भारत@2047: राज्य स्तरीय अर्थव्यवस्थाओं में रणनीतियां' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हुई पैनल चर्चा के अंतिम सत्र में डॉ. अरविंद विरमानी और प्रो. चरण सिंह के साथ हिसार के उद्योग जगत के नेताओं और नीति निमार्ताओं के बीच एक संवाद कार्यक्रम हुआ। इस संवाद सत्र में नीति और उद्योग के बीच के संबंधों पर चर्चा हुई, जहां नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने राज्य स्तर की अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण में उद्योग की भूमिका और दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सार्वजनिक-निजी साझेदारी के महत्व पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
ई-ग्रो फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. चरण सिंह ने हिसार को 'नया उभरता सिलिकॉन वैली' बताते हुए कहा कि लॉबिंग की क्षमता की कमी उद्योगपतियों की एक बड़ी समस्या है। उन्होंने एमएसएमई को समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने उद्योग की मांग के अनुसार कौशल को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर सहमति व्यक्त की। इस चर्चा में हिसार के उद्योगपतियों के समक्ष आने वाली विभिन्न समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रमुख मुद्दों में जल जैसी नागरिक सुविधाएं, श्रमिक समस्याएं, कौशल अंतराल, पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने में कठिनाई, सरकारी धन का समय पर वितरण न होना और भूमि की कीमतों में वृद्धि, बिजली आदि जैसे वाणिज्यिक क्षेत्रों में उच्च प्रारंभिक लागत शामिल थी। एक अन्य प्रमुख मुद्दे श्रमिक समस्या पर भी दोनों पक्षों ने अपने विचार साझा किए। पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया को आसान बनाने की भी मांग की गई।
डॉ. अरविंद विरमानी व प्रो. चरण सिंह ने सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी व अन्य मुख्य प्रयोगशालाओं का दौरा भी किया।
अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. एन.के. बिश्नोई ने आभार व्यक्त किया।
Girish Saini 


