एमडीयू में पं. दीन दयाल स्टूडेंट सेंट्रिक स्किल बेस्ड इंसेंटिव स्कीम लागू

पहले चरण में जोड़े जाएंगे 1500 विद्यार्थी।

एमडीयू में पं. दीन दयाल स्टूडेंट सेंट्रिक स्किल बेस्ड इंसेंटिव स्कीम लागू

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय स्टूडेंट सेंट्रीक स्किल बेस्ड इंसेंटिव स्कीम प्रारंभ की है। इस स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकारी समिति (ईसी) की बैठक में योजना से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश और क्रियान्वयन प्रक्रिया पर चर्चा की गई।

 

इस योजना के तहत विवि ने विद्यार्थियों के लिए 10 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड तैयार किया है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बैठक में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में इस विद्यार्थी हितैषी स्कीम के प्रभावी क्रियान्वयन के दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस स्कीम के तहत छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ विवि के विभिन्न विभागों में उनकी योग्यता और रुचि के अनुसार कार्य करने का अवसर दिया जाएगा। इस योजना के पहले चरण में 1500 विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा और प्रत्येक विद्यार्थी को एक दिन में अधिकतम दो घंटे का कार्य दिया जाएगा, जिसके लिए प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। एक विद्यार्थी एक माह में 8 से लेकर 16 हजार रुपये तक कमा सकता है। इस तरह एक वर्ष में उन्हें 120 घंटे का कार्य अनुभव और आय दोनों प्राप्त होंगे।


इस स्कीम के तहत विद्यार्थियों को काम के बदले दिए जाने वाले भुगतान के लिए 4 स्लैब बनाए गए हैं। विद्यार्थियो को प्रतिभा के अनुसार रुपए दिए जाएंगे। प्रथम स्लैब 200 रुपए प्रति घंटा, दूसरा 250 रुपए प्रति घंटा, तीसरा 300 रुपए प्रति घंटा और चौथे स्लैब में सबसे अधिक 400 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से राशि दी जाएगी। इस दौरान प्रतिदिन 2 घंटे काम दिया जाएगा। एक माह में विद्यार्थी अधिकतम 20 दिन यानी 40 घंटे काम कर सकता है और पूरे शैक्षणिक सत्र में 120 घंटे काम कर सकता है।


कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी। इस स्कीम के लिए विद्यार्थी का चयन प्रतिभा, स्किल्स और आर्थिक स्थिति के आधार पर किया जाएगा। विवि ने विदेशों में अपनाई जा रही पार्ट-टाइम जॉब प्रणाली को अपने यहां लागू किया है, जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ ही रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।


कुलपति ने बताया कि यह योजना विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण और स्किल डवलपमेंट को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि विवि का उद्देश्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को रोजगार के लिए तैयार करना भी है। डीन, स्टूडेंट वेलफेयर एवं इस स्कीम के लिए बनाए गए एग्जीक्यूटिव बोर्ड की कंवीनर प्रो. सपना गर्ग ने इस योजना के क्रियान्वयन बारे विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में मौजूद एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य- प्रो. रणदीप राणा, उद्योगपति राजेंद्र बंसल, प्रो. सुमित गिल, प्रो. सोनू देहमीवाल, प्रो. दिव्या मल्हान, प्रो. सोनिया, डा. प्रताप राठी, प्रो. राजकुमार ने भी अपने महत्वपूर्ण इनपुट्स साझा किए।