मध्य प्रदेश के गोटे गांव खेड़ा की पंचायत को मिला सेल्फी विद डॉटर पंचायत अवार्ड
पिता की गालियां छुड़ाने वाली प. बंगाल की राईहाना बेस्ट सेल्फी विद डॉटर अवार्ड से सम्मानित।

एमडीयू सेल्फी विद डॉटर डे सम्मान समारोह आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। सेल्फी विद डॉटर अभियान के दस वर्ष पूरे होने पर एमडीयू में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल सहित 17 राज्यों की लड़कियों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया।
विवि के यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम, डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस, वूमेन स्टडी सेंटर और सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय पुनर्वास परिषद की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की।
इस समारोह में सेल्फी विद डॉटर पंचायत अवार्ड मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गोटे गांव खेड़ा की पंचायत को दिया गया है। गोटे गांव खेड़ा की पंचायत ने कुल 27 पंचायतों को पछाड़ते हुए यह सम्मान हासिल किया है। आरसीआई की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर व कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सहित अन्य अतिथियों ने गोटे गांव खेड़ा की सरपंच प्रियंका को सम्मानित किया गया। सरपंच प्रियंका ने गांव में पैदा होने वाली हर लड़की की फोटो सेल्फी विद डॉटर पोर्टल पर अपलोड की। उन्होंने अपने गांव में महिला हितैषी कई योजनाओं को लागू किया है।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने व गाली बंद घर अभियान को समर्पित इस कार्यक्रम में सुनील जागलान ने ऐलान किया कि 11वें वर्ष के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में कन्या भ्रूण मर्डर रोकने व गाली बंद घर अभियान को गति दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रचारित सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरुआत 9 जून 2015 को हरियाणा के जींद जिला से हुई थी।
बेस्ट सेल्फी ऑफ द ईयर का अवार्ड नोएडा की खुशी पुत्री शीतल को दिया गया है। उसकी माता ने अपने बल पर खुशी का पालन पोषण कर सफल महिला उद्यमी बनाया। सिंगल मदर चाइल्ड खुशी दो साल से सेल्फी विद डॉटर के साथ जुड़कर काम कर रही हैं। बेस्ट सेल्फी ऑफ द ईयर का अवार्ड पाने वाली पश्चिम बंगाल की राईहाना ने अपने पिता की गालियां को बंद करवाने का अभियान अपने ही घर में चलाया हुआ है। उसके माता-पिता बातचीत में भी गालियों का प्रयोग करते थे। राईहाना ने बताया कि यह एक मानसिक रोग है। अब 60 प्रतिशत तक उसके पिता का गालियों पर नियंत्रण हो गया है। अवार्ड की तीसरी विजेता मूल रूप से दिल्ली निवासी और अब इंग्लैंड में रहने वाली रमिका पुत्री सुनीता हैं, जो सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक क्षेत्र में कार्य करने वाले नेशनल यूथ आर्ट ट्रस्ट, यूके की निदेशक हैं। वह इंग्लैंड में सेल्फी विद डॉटर का प्रचार कर रही हैं।
मुख्य अतिथि, डॉ.शरणजीत कौर ने कहा कि इस अभियान ने दिव्यांग लड़कियों को अपना हिस्सा बनाकर नई पहचान दी है। कार्यक्रम अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो.राजबीर सिंह ने कहा कि औरत को जितना ज्यादा सशक्त बनाएंगे, समाज उतना सशक्त बनेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ इस कार्यक्रम को भी विवि स्तर पर बढ़ाया जाएगा। विवि में दाखिले के दौरान ही लड़कियों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
विशिष्ट अतिथि, रंश किआ की निदेशक प्रीति बंसल ने कहा कि समाज को बेटियों के साथ-साथ बहुओं को भी आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने अपने ससुर समाजसेवी राजेंद्र बंसल द्वारा उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किए जाने का उदाहरण साझा किया। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने स्वयं रचित कविता सुनाकर उपस्थित जन को भावुक कर दिया।
यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम की निदेशिका प्रो. अंजू धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। महिला अध्ययन केंद्र की निदेशिका प्रो. शालिनी सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के अध्यक्ष सुनील जागलान ने सेल्फी विद डॉटर अभियान के दस वर्ष पूरे होने की यात्रा का ब्यौरा दिया। चीफ कंसल्टेंट, यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम प्रो. राजकुमार ने आभार जताया। इस दौरान दिव्यांग रिदम, बीडीपीओ मोनिका, महाराष्ट्र के सेवाग्राम की पूर्व सरपंच सुजाता, हरियाणा की सोनिया, मध्य प्रदेश के देवास गांव के सरपंच रोहित तिवारी और मेवात की अंजूम इस्लाम ने अपनी जिंदगी की कहानियां साझा की।