ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा की पहुंच का दायरा बढ़ेगाः प्रो. नसीब सिंह

इस सत्र से बीए, एमए-हिंदी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र व लोक प्रशासन आदि ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू।

ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा की पहुंच का दायरा बढ़ेगाः प्रो. नसीब सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन लर्निंग (सीडीओई) के तत्वावधान में जुलाई-अगस्त 2023 से प्रारंभ हुए ऑनलाइन पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे। इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा की पहुंच का दायरा बढ़ेगा और सुदूर क्षेत्रों के अभ्यर्थी भी सुगमता एवं सरलता से उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।

एमडीयू-सीडीओई निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल ने वीरवार को मीडिया इंटरेक्शन कार्यक्रम में सत्र जुलाई-अगस्त 2023 से प्रारंभ किए गए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों एवं उनकी विशेषताओं का ब्यौरा देते हुए यह बात कही। प्रो. गिल ने बताया कि इस सत्र से सीडीओई के तत्वावधान में बीए, एमए-हिन्दी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र व लोक प्रशासन आदि ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। एम.कॉम तथा एमएससी-गणित पाठ्यक्रम पहले से ही ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

प्रो. गिल ने बताया कि उपरोक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए 10 अगस्त 2023 तक बिना विलंब शुल्क के ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। तदुपरांत 7 हजार रुपए विलंब शुल्क के साथ 20 अगस्त तक तथा 8500 रुपए विलंब शुल्क के साथ 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। प्रो. गिल ने बताया कि इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की फीस समेत अन्य ब्यौरा एमडीयू वेबसाइट पर उपलब्ध प्रॉस्पेक्ट्स से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रो. नसीब सिंह गिल ने सभी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के सिलेबस व ऑनलाइन लैक्चर, क्वालिटी कंटेंट, लेक्चर डिलीवरी आदि बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग तथा ऑनलाइन परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया के प्रारूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को प्रभावी एवं गुणवत्तापरक बनाया गया है। उन्होंने इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भविष्य की शिक्षा में सीडीओई का यह कदम मील का पत्थर होगा। निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने इस मीडिया इंटरेक्शन कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय किया। इस अवसर पर सीडीओई के अधिकारी, ऑनलाइन कोर्सेज के कोऑर्डिनेटर भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।