समाचार विश्लेषण/मोदी व शाह किस राह पर?

समाचार विश्लेषण/मोदी व शाह किस राह पर?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
मेघालय के महामहिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लगता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह किसान आंदोलन के मामले में गलत राह पर चल रहे हैं । यह बात उन्होंने हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान को लिखे एक पत्र में कही है। यह भी लिखा कि मैंने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को यह बताने की कोशिश भी की कि आप किसान आंदोलन को लेकर गलत राह पर चल रहे हैं । किसानों की मांगें स्वीकार कर लेनी चाहिएं । किसानों की आवाज़ दबेगी नहीं । केंद्र को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए।  सोमवीर सांगवान वे निर्दलीय विधायक हैं जो प्रदेश भाजपा-जजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले चुके हैं किसान आंदोलन के चलते । फिर भी न हरियाणा सरकार को चिंता है और न ही केंद्र सरकार को । किसान आंदोलन को चलते डेढ़ सौ दिन पूरे हो चुके हैं और तीन सौ से अधिक किसान इसमें अपनी आहुति दे चुके हैं । ऐसे में हठधर्मिता क्यों ? राजहठ क्यों ? आपका ही नियुक्त किया एक राज्यपाल यह बात कह रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर आप गलत राह पर हैं । पंजाब व हरियाणा मुख्य तौर पर किसान आंदोलन के केंद्र बने हुए हैं । यूपी में अभी पंचायत चुनाव में क्या परिणाम आते हैं, यह देखना है । इसी प्रकार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और मई में क्या परिणाम आयेंगे? हालांकि उन राज्यों में किसान आंदोलन नहीं है । फिर भी जिस तरह से पश्चिमी बंगाल में हिंसा का ग्राफ बढ़ा और एक दूसरे पर दोषारोपण के साथ साथ कोरोना को अनदेखा किया गया , उससे हो सकता है परिणाम मनचाहा आ जाये लेकिन राज्य को आप कोरोना के रूप में पहला उपहार देने जा रहे हो , यह निश्चित है । इसी प्रकार हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित होने दिया गया जिससे कोरोना ने पांव पसार  लिये ।
जहां तक किसान आंदोलन की बात है , किसान नेताओं और संयुक्त मोर्चा में भी मतभेद हैं जिनके चलते दो बार संसद कूच  कार्यक्रम टाल दिया गया । अब फिर से संसद कूच की मांग जोरों से उठ रही है । असल में गणतंत्र दिवस वाली बात न हो जाये और फिर कोई दीप सिद्धू न निकल आये आंदोलन को बदनाम करने के लिए , इसी बात का डर है । गणतंत्र दिवस पर दीप सिद्धू ने लाल किले पर तिरंगा न फहरा कर कोई और रंग का झंडा फहरा दिया था । अभी दीप सिद्धू जमानत के लिए मारा मारा फिर रहा है । 
आज फिर साहब मन की बात करेंगे पर किसानों की बात कब करेंगे? कोई नहीं बता सकता ।