श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन किया श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का बखान

श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन किया श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का बखान

रोहतक, गिरीश सैनी। स्वामी परमानन्द धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वावधान में गढ़ी मोहल्ला स्थित खटीक मंदिर में जारी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा एवं श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन हुआ। कथा व्यास आचार्य देवशरण ने कहा कि जब मनुष्य अपने अहंकार को त्याग कर ईश्वर की शरण में आता है, तभी जीवन में सच्ची शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि धर्म का सार प्रेम, करुणा और सेवा है।

 

इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी ने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ अपने कर्मों से समाज को प्रकाश देना है। महामंडलेश्वर बाबा कर्णपुरी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म केवल आस्था नहीं, बल्कि कर्म और त्याग का मार्ग है।

 

बतौर मुख्य अतिथि, पूर्व मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन समाज को एकता, सद्भाव और संस्कारों से जोड़ते हैं। इस दौरान बिजेन्द्र जैन, मोहन अत्री, कुसुम देवी, सरला दुआ, पुष्पा देवी, हेमराज, उषा खन्ना, लोकेश शर्मा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।