पृथ्वी दिवस पर एमडीयू ने हरी-भरी धरा बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू पर्यावरण संपोषणीयता संवर्धन, पर्यावरण संरक्षण तथा पर्यावरण जागरूकता के लिए योजनाबद्ध ढंग से महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। विवि विविध पर्यावरणीय पहल के तहत जैव विविधता संरक्षण, जल संरक्षण, हरित ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन तथा पौधारोपण की दिशा में एमडीयू का निरंतर कार्य मिसाल बन रहा है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पृथ्वी दिवस पर धरा को हरा-भरा बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आज के समय में पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक जरूरत बन चुका है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियों को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे न केवल शिक्षा प्रदान करें, बल्कि पर्यावरणीय चेतना भी विकसित करें।
उन्होंने बताया कि विव नियमित रूप से परिसर में, संबद्ध कॉलेजों में और पाँच गोद लिए गए गाँवों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन करता रहा है। विवि परिसर में एक समर्पित हर्बल गार्डन औषधीय पौधों की 100 से अधिक प्रजातियों को संरक्षित करता है और पौधे आधारित चिकित्सा में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देता है। अपशिष्ट और जल प्रबंधन की दिशा में सार्थक पहल करते हुए एक वेस्ट आडिट द्वारा अपशिष्ट पृथक्करण, खाद बनाने और पुनर्चक्रण के लिए सिस्टम को तैयार किया गया। परिसर में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ई-कचरे और बायोमेडिकल कचरे को स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रमाणित एजेंसियों द्वारा संभाला जाता है। सॉलिड वेस्ट, पेपर वेस्ट, लैबोरेट्री वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट, हॉर्टिकल्चर वेस्ट, किचन वेस्ट के समुचित प्रबंधन की व्यवस्था की गई है।
वहीं, ऊर्जा दक्षता और हरित अवसंरचना की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए छतों पर 500 किलोवाट से अधिक की सौर ऊर्जा की स्थापना शैक्षणिक और प्रशासनिक भवनों को बिजली की आपूर्ति करती है। इसके अलावा आवासीय परिसर की छतों पर और अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं। बैटरी से चलने वाले वाहन, पैदल यात्री मार्ग और प्रतिबंधित वाहन क्षेत्र उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ परिसर के वातावरण को बनाए रखने में मदद करते हैं।
कुलपति ने बताया कि शिक्षा और कौशल विकास के तहत सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती और अपशिष्ट प्रबंधन में सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। अनुभवात्मक शिक्षा के उद्देश्य से विवि द्वारा वर्टिकल गार्डनिंग, घोंसला बनाना और बोनसाई शिल्प, औषधीय पौधे और वनस्पति प्रसार पर कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बताया कि पृथ्वी दिवस 2025 पर एमडीयू परिसर प्रबंधन, छात्र जुड़ाव और सामुदायिक आउटरीच में एकीकृत कार्रवाई के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण बारे विवि की प्रत्येक पहल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और हरित भविष्य को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
Girish Saini 


