एनएसएस स्वयं सेवक समाज तथा राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव के प्रेरक हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

एनएसएस स्वयं सेवक समाज तथा राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव के प्रेरक हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि एनएसएस स्वयं सेवक समाज तथा राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव के प्रेरक हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम अधिकारी इस सकारात्मक बदलाव के मार्गदर्शक हैं। कुलपति बुधवार को आयोजित गुजवि तथा संबद्ध महाविद्यालयों के एनएसएस अधिकारियों के एक दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि तथा डीन ऑफ कॉलेज प्रो. संजीव कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुजवि एनएसएस प्रभारी इंजीनियर अंजू गुप्ता ने की।

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र निर्माण में एनएसएस स्वयं सेवकों की भूमिका अग्रणी है। एनएसएस अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे स्वयं सेवकों को चुनौतियों के लिए तैयार करें। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक सेवा के माध्यम से समाज को शिक्षित करते हैं।

मुख्य वक्ता प्रो. संजीव कुमार ने कहा कि हर व्यक्ति के अंदर एक अद्वितीय कौशल होता है। जरूरत है उसे विकसित व प्रदर्शित कर समाज व राष्ट्र उपयोगी बनाने की। उन्होंने कहा कि एनएसएस अधिकारी इस दिशा में विशेष योगदान दे सकते हैं। इंजीनियर अंजू गुप्ता ने बताया कि गुजवि के तहत कुल  51 एनएसएस इकाइयां हैं। इनमें से 39 इकाइयां सरकारी तथा शेष स्वयं वित्तपोषित इकाइयां हैं। उन्होंने एनएसएस अधिकारियों के समक्ष इकाई स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर गतिविधियों की योजना बनाने और स्थापित करने के तरीकों को साझा किया। कार्यक्रम में 50 एनएसएस अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ. विक्रमजीत सिंह ने एनएसएस अधिकारियों भी भूमिका तथा जिम्मेदारियों के बारे में अपने विचार रखे। गुजवि के पूर्व स्वयंसेवक सहायक कमांडेंट निशांत शर्मा तथा ज्योति ने विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में संबोधित किया। कार्यक्रम संचालन स्वयं सेवक प्रज्ञा मुंजाल तथा पलक सिंह ने किया।