समाचार विश्लेषण/जश्न नहीं, सेवा का अवसर?

समाचार विश्लेषण/जश्न नहीं, सेवा का अवसर?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्ढा ने बात तो बड़े पते की कही है कि मोदी सरकार की सालगिरह पर जश्न न मनायें क्योंकि यह जश्न का नहीं सेवा का अवसर है । उल्लेखनीय है कि तीस मई को भाजपा सरकार के गठन की वर्षगांठ है और हमारे नड्ढा जी ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत लिखा है कि इस दिन कोई जश्न न मनायें और न ही किसी प्रकार के उत्सव का आयोजन करें । कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों के लिए जरूर कुछ करें जिससे उनको खुशी मिले । 

नड्ढा जी , आपके हृदय परिवर्तन के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया । अभी कुछ दिन पहले तक तो आप पश्चिमी बंगाल में कोरोना को भूल कर दनदनाते रैलियां और रोड शो करते बड़े इतरा रहे थे अपनी पार्टी की  लोकप्रियता का गुणगान गाते हुए और अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि आप जश्न ही मनाना पसंद नहीं करते ? कहां तो मोदी जी घोषणा करते रहे कि मैं पश्चिमी बंगाल के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जरूर आऊंगा और कहां आपको भेज दिया विरोध करने और शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने ? इतना फर्क ? कोरोना तो तब भी था और हर कहीं था और आपने इसे फैलने में पूरा सहयोग दिया तभी तो कोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा । तब जाकर आपका हृदय परिवर्तन हुआ । काश , प्रधानमंत्री जी ने यही ध्यान बैठक में रखा होता और ममता बनर्जी को बोलने का मौका दिया होता । समझते आपका पश्चिमी बंगाल कनेक्शन । 

काश , यह हृदय परिवर्तन किसान आंदोलन के प्रति भी हो जाये क्योंकि किसान आंदोलन के नेताओं ने घोषणा की है कि तीस मई को वे काले झंडे लगा कर इसका विरोध करेंगे । तो नड्डा जी क्या ख्याल है आपका ? कोई तोहफा है आपके पास किसानों के लिए या ये भी अनाथ बच्चों जैसे हैं आपकी सरकार में ? इन्हें भी देख लीजिए एक नज़र,,

जहां तक सेवा की बात है तो हरियाणा में राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने कार्यकर्त्ताओं के साथ पहले से ही यह सेवा कर रहे हैं । सोनू सूद मुम्बई में यही सेवा कर खलनायक से नायक बन गया है और फिल्म वाले भी अब उसे खलनायक लेने से संकोच करने लगे हैं । सैलजा के कार्यकर्ता भी गांव गांव सेनेटाइज कर रहे हैं तो रणदीप सुरजेवाला भी सेनेटाइजर बांट रहे हैं । यही क्यों दिल्ली में आपके सांसद हंसरा ज हंस को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई कांग्रेस के श्रीनिवासन ने और उससे पूछताछ शुरू कर दी कि कैसे और कहां से कर रहे हो समाजसेवा ? हमारे हिसार में कितने ही समाजसेवी ऑक्सीजन से लेकर खाना तक उपलब्ध करवा रहे हैं और शुक्र है कि आपने भी यह चिट्ठी लिख दी कि जश्न नहीं सेवा कीजिए । देर आयद, दुरूस्त आयद । चलो , इस बहाने आपको भी खुदा नहीं राम याद आया ....