सुपवा के शिक्षकों के प्रदर्शन को एक माह बीतने पर भी कोई सुनवाई नहीं

- अब भोजन अवकाश के दौरान भी प्रदर्शन करेंगे प्राध्यापक।

सुपवा के शिक्षकों के प्रदर्शन को एक माह बीतने पर भी कोई सुनवाई नहीं

रोहतक: ( गिरीश सैनी)। पदोन्नति और यूजीसी के मुताबिक वेतनमान दिए जाने की मांग को लेकर सुपवा के प्राध्यापकों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए एक माह बीत गया है। लेकिन 30 दिन बीतने के बावजूद भी विवि प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।

विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष, सचिव दुष्यंत और उपाध्यक्ष दीपक सिनकर ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अब से भोजन अवकाश के दौरान भी प्रदर्शन किया जाएगा। सुपवा के शिक्षकों ने 30 दिनों के बाद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल को अपना मांग पत्र भेज कर अपनी पीड़ा जाहिर की है। पत्र में कहा गया कि पिछले 10 सालों से सुपवा के प्राध्यापकों की कोई पदोन्नति नहीं हुई और ना ही उन्हें यूजीसी के मुताबिक वेतनमान दिया जा रहा है। ना ही यूजीसी के मुताबिक सातवां वेतनमान लागू किया गया है।

शिक्षक संघ ने सवाल उठाया कि हरियाणा ही नहीं उत्तर भारत के एकमात्र कला फिल्म विश्वविद्यालय के मेहनती शिक्षकों के साथ ऐसी अनदेखी आखिरकार क्यों की जा रही है। प्रशासन लगातार शिक्षकों की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है। सुपवा प्राध्यापकों के इस सांकेतिक धरने को सुपवा विश्वविद्यालय के तमाम विद्यार्थियों, डीन एकेडमिक, एचफुक्टो और कलाकारों  ने अपना समर्थन दिया है। शिक्षकों विनय कुमार, अजय कुमार, दीपक, शरद, महेश टीपी, दीप्ति खुराना, अजय कुमार सिंह, अली, अनुराधा मजूमदार, अनिल कुमार और दुष्यंत आदि ने कहा कि अनेकों बार मौखिक एवं लिखित में अपना मांग पत्र प्रशासन को दिए जाने के बावजूद प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा। शिक्षक संघ ने मांग की है कि इस मामले की जिम्मेदारी तय की जाए और जो अधिकारी इनके लिए दोषी है उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। शिक्षकों का जायज हक उन्हें दिया जाए ।