दोआबा कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: अवसर व चुनोतियों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

दोआबा कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: अवसर व चुनोतियों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
दोआबा कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में श्री चन्द्र मोहन, प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, डा. सुनील गुप्ता, डा. अश्वनी भला, डा. हरदीप सिंह व डा. ओमिंदर जोहल।

जालन्धर, 24 सितंबर, 2022: दोआबा कॉलेज की दिशा कमेटी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: अवसर व चुनोतियों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें श्री चन्द्र मोहन- प्रधान, दोआबा कॉलेज मैनेजिंग कमेटी, जालन्धर बतौर मुख्य मेहमान, डा. सुनील गुप्ता- चेयरमेन, स्टेट हाईर एजूकेशन काऊँसल, हिमाचल प्रदेश- बतौर की-नोट स्पीकर, डा. हरदीप सिंह- ओएसडी-वीसी, गुरू नानक देव यूनीवर्सिटी, अमिृतसर, डा. अश्वनी भल्ला- डिप्टी डायरैक्टर- डीपीआई कॉलेजिज़ पजाब बतौर वक्ता उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, डा. ओमिंदर जोहल-कनवीनर, प्रो. सुखविंदर व डा. सुरेश मॉगो- ओर्गनइजिंग सैकेट्ररीज़, प्रो. नवीन जोशी- को-ओर्गनइजिंग सैकेट्री, ओर्गनइजिंग कमेटी के प्राध्यापकों डा. शिविका दत्ता, प्रो. नेहा, प्रो. गुलशन, डा. नईया व प्रो. प्रिया व विद्यार्थियों किया। 

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रि. डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि दोआबा कॉलेज ने समय के साथ साथ अपने आप को अपडेट करते हुए प्रशासनिक एवं शैक्षणिक मॉड्यूलस में नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव कर पहल कदमी की है। 

श्री चन्द्र मोहन- प्रधान, कॉलेज मैनेजिंग कमेटी ने कहा कि आज के बदलते दौर में नई शिक्षा नीति के तहत पॉलीसी इंम्पलीमेंटेशन के समय विद्यार्थियों के साथ इंटरैकशन कर उनके दृष्ट्रीकोण एवं परिपेक्ष्य को ध्यान में रखकर अपने सिस्टम में इम्परूवमेंट लानी होगी।

डा. सुनील गुप्ता ने अपने की-नोट एडरैस में नैशनल एजूकेशन पॉलिसी 2020 के 500 पृष्ठों के ड्राफ्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसको आम जनमानस तक पहुँचाने के लिए जब प्रचार तंत्र अपनाया गया तो तकरीबन 6 लाख लोगों के सुझाव प्राप्त हुए। इस नई शिक्षा नीति के अंर्तगत यह माना गया है कि यह स्कूल एजूकेशन एवं हाईर एजूकेशन की आपस में डी-लिंकिंग नही होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति के तहत नई स्किल ओरिएंटिड कोर्सिज़ लाने की भी बात की गई है जिसके द्वारा देश के नौजवानों को ज्यादा रोज़गार के मौके उपलब्ध करवाना है तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को ज्यादा मौके प्रदान कर शोध के क्षेत्र में ज्यादा मौके एवं स्कॉलरशिपस उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों पढ़ाई करते  समय को मल्टी डिसिपलनिरी स्टडी अपरोच अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

डा. अश्वनी भला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पाँच सिद्धान्तों- इकविटी, एकसेस टू एजूकेशन, क्वालिटी, ऑफोरडाबिलिटी व अकाऊँटाबिलिटी पर अधारित है ताकि इसे स्टीकता से लागू कर विद्यार्थी की सख्सीयत का सामूहिक विकास व उसे बढिय़ा रोजगार दिलाया जा सके। डा. अश्वनी ने नई शिक्षा नीति के युवा पीड़ी होने वाले फायदों के बारे में भी चर्चा की।

डा. हरदीप सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के फ्रेमिंग के तीन चरणों- पहला जिसके तहत नए साईलैब्स व रूल्स को बनाना, दूसरे चरण के अंर्तगत प्राध्यापकों को सिखलाई देना व तीसरा मूल्याकण की पद्धति में सुधार लाना के बारे में विस्तार लाना के बारे में विस्थारपूर्वक चर्चा की। इस मौके पर क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। डा. ओमिंदर जोहल ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया।