कैदियों के समुचित विकास के लिए उठाने होंगे जरूरी कदमः उपायुक्त सचिन गुप्ता

सुधार 360 कार्यक्रम के तहत जिला कारागार मॉडल सुधार एवं पुनर्वास केंद्र के रूप में विकसित होगा।

कैदियों के समुचित विकास के लिए उठाने होंगे जरूरी कदमः उपायुक्त सचिन गुप्ता

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कैदियों के समुचित विकास के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त सचिन गुप्ता मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन व सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान तथा पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह के साथ जिला कारागार का निरीक्षण करने के उपरांत प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर रहे थे। बैठक में उन्होंने सुधार 360 कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा की, जिसका उद्देश्य जिला कारागार को एक मॉडल सुधार एवं पुनर्वास केंद्र के रूप में विकसित करना है। उपायुक्त ने मानसिक स्वास्थ्य, नशा मुक्ति, कौशल विकास, पारदर्शिता, कानूनी सहायता एवं कैदियों के जीवन-स्तर में सुधार के लिए कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए।


उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि कारागार एक सुधार केंद्र की तरह काम करती है। इसलिए कैदियों को न केवल मानसिक रूप से मजबूत बनाना होगा, बल्कि उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में भी प्रशिक्षित करना होगा ताकि जेल से बाहर आने के बाद वह आसानी से मुख्य धारा में प्रवेश कर सकें। जेल अधिकारियों को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सर्वे करवाकर कैदियों की रुचि को जाना जाए ताकि रुचि के अनुरूप सभी कैदियों को विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कोर्स करवाए जा सके।


उपायुक्त ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कैदियों को सूचना एवं प्रौद्योगिकी के भी कोर्स करवाने होंगे। इस संबंध में भी उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए। उन्होंने कैदियों की साक्षरता का डेटा एकत्रित करने और जेल में साप्ताहिक योगा कैंप आयोजित करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त ने कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष फोकस करते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि नियमित रूप से मनोचिकित्सक जेल का दौरा करके कैदियों की काउंसलिंग करने का कार्य करें। इसी प्रकार से कैदियों की नशा मुक्ति केलिए भी काउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कैदियों की आभा आईडी बनाने, कैदियों के परिवार पहचान पत्र व आधार कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए।


जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि जेल के भीतर हेल्प डेस्क सक्रिय रूप से कार्य करें। कैदियों को हेल्प डेस्क के माध्यम से उनके मामले की सुनवाई, वकील, सजा का शेष समय व उनके व्यवहार आदि के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने महिलाओं को सैनिटरी पैड व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बारे में भी रिपोर्ट प्राप्त करके आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। इसके साथ ही कैदियों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए।


उन्होंने पुस्तकालय में उपलब्ध किताबों के बारे में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शेड्यूल, सीसीटीवी कैमरा व कैदियों के भोजन आदि के बारे में भी रिपोर्ट प्राप्त की। इस दौरान जेल अधीक्षक सत्यवान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।