एमडीयू स्थित प्राकृतिक तालाब जैव विविधता झील के तौर पर विकसित किया जाएगा

एमडीयू स्थित प्राकृतिक तालाब जैव विविधता झील के तौर पर विकसित किया जाएगा

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित प्राकृतिक तालाब को जैव विविधता झील के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस तालाब के किनारे आब्जर्वेशन प्वाइंट बनाए जाएंगे, जिससे एमडीयू समुदाय एवं विजिटर्स इस प्राकृतिक तालाब की विजिट कर प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति ले सकें।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विवि अधिकारियों के साथ इस प्राकृतिक तालाब की विजिट कर इस तालाब को हेरिटेज की श्रेणी में शामिल करने और इसे जैव विविधता झील के तौर पर विकसित करने की योजना बनाने के आदेश संबंधित अधिकारियों को दिए। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि ये प्राकृतिक तालाब नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। इस तालाब के आसपास जहां स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों को देखा जा सकता है। वहीं आसपास जैव विविधता की अनुपम छटा को निहारा जा सकता है।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कहा कि इस प्राकृतिक तालाब की विजिट से जहां विजिटर्स पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों से रूबरू होंगे, वहीं प्राकृतिक छटा का भी आनंद उठा सकेंगे। उन्होंने इस प्राकृतिक तालाब को पक्षी एवं वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र के तौर पर तैयार करने बारे विवि अधिकारियों से गहन विचार-मंथन किया। कुलपति ने इस तालाब के किनारों पर साफ-सफाई करवाने और आब्जर्वेशन प्वाइंट तक ट्रैक बनाने के दिशा-निर्देश दिए।

इस दौरान निदेशिका, हॉर्टिकल्चर एंड कैंपस फॉरेस्ट्री प्रो. विनिता हुड्डा ने इस तालाब के जैव विविधता झील बनाने की योजना का खाका सामने रखा। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना में सामुदायिक भागीदारिता लिए को भी सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यकारी अभियंता जेएस दहिया, आउटरीच सेल के चीफ कंसल्टेंट प्रो. राजकुमार, हार्टिकल्चर कंसल्टेंट निरंजन कुमार, एसडीओ पब्लिक हेल्थ विजय कुमार, पीआरओ पंकज नैन समेत अभियांत्रिकी शाखा के अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।