सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एनएचएआई के चेयरमैन को लिखा पत्र

एनएच-10 पर बहादुरगढ़ से सांपला तक तुरंत समानांतर सर्विस रोड बनवाने की मांग की।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एनएचएआई के चेयरमैन को लिखा पत्र

रोहतक, गिरीश सैनी। लोकसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन को पत्र लिखकर मांग की है कि बहादुरगढ़ से सांपला तक राष्ट्रीय राजमार्ग -10 (अब एनएच-9) के दोनों तरफ सर्विस रोड बनाया जाए। सांसद ने कहा कि बहादुरगढ़ से सांपला तक राष्ट्रीय राजमार्ग-10 (अब एनएच -9) के किनारे सर्विस रोड के अभाव में औद्योगिक क्षेत्र व आमजन को अत्यधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के तेजी से विकसित हो रहे इस महत्त्वपूर्ण औद्योगिक बेल्ट में सैकड़ों छोटे-मझोले और बड़े उद्योग, लॉजिस्टिक हब एवं व्यापारिक संस्थान स्थापित हैं, जो यहां स्थित उद्योग रोजगार, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

सांसद ने समयबद्ध ढंग से इस काम को पूरा कराने का आग्रह करते हुए इस खंड का सर्वेक्षण कर विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट तैयार कराने को कहा। उन्होंने कहा कि सर्विस रोड बनने के बाद न केवल उद्योगों को गति मिलेगी बल्कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा, लॉजिस्टिक दक्षता और जन सुविधाओं में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों स्थानीय निवासी, छात्र, मजदूर और पैदल यात्री गुजरते हैं। सर्विस रोड न होने के कारण उन्हें हाईवे के किनारे तेज रफ्तार ट्रैफिक के बीच चलना पड़ता है, जिससे जान का जोखिम बना रहता है। सर्विस लेन के अभाव में बस और ऑटो जैसे आम परिवहन के साधनों की सुरक्षित आवाजाही संभव नहीं हो पाती, जिससे क्षेत्रीय जनता को आवागमन में काफी कठिनाई होती है। इसके अलावा भारी वाहन और हलके व दोपहिया वाहन एक ही मार्ग पर चलने के कारण यह इलाका एक 'एक्सीडेंट जोन' बन गया है। कोई मेडिकल इमरजेंसी या अग्निकांड जैसी दुर्घटना होने पर भी सर्विस रोड के न होने से एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड के पहुंचने में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

सांसद ने कहा कि हरियाणा के महत्त्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र में जर्जर व टूटी-फूटी सड़कों के कारण सभी परेशान है। सर्विस रोड न होने के कारण कच्चे माल और तैयार उत्पादों को ढोने वाले हलके व भारी वाहन, मुख्य राजमार्ग (एनएच -10, अब एनएच -9) का उपयोग करने को विवश हैं। इसके अलावा उन्हें कई बार लंबे रास्तों का उपयोग करना पड़ता है, जिससे परिवहन समय व लागत दोनों बढ़ रहे हैं। उद्योगों को समय की हानि और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सर्विस रोड न होने से यहाँ हमेशा ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है और फैक्ट्रियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर अवरोध उत्पन्न होता है।