सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने महम हलके के खेतों में जलभराव से बर्बाद फसलों का मुआयना किया
स्पेशल गिरदावरी और किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की।

महम, गिरीश सैनी। लोकसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने शनिवार को महम हलके के गांवों भैणी सुरजन, भैणी चंद्रपाल, भैणी भैरो, भैणी महाराजपुर, भैणी मातो, सैमाण आदि का दौरा कर जलभराव से परेशान ग्रामीणों से मुलाकात की। सांसद ने कहा कि भैणी सुरजन, भैणी चंद्रपाल, भैणी भैरो, भैणी महाराजपुर, भैणी मातो, सैमाण गांवों में प्रशासन को जल निकासी के लिये सारे संसाधन लगाकर जल्द से जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलानी चाहिए।
मौके पर मौजूद किसानों ने सांसद के साथ अपनी परेशानियां साझी करते हुए कहा कि बारिश की वजह से बड़े इलाके में जलभराव हुआ और खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। जलभराव के कारण खेतों में नरमा, बाजरा की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है और धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर है।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मौके से ही उपायुक्त से बात कर प्रशासन को तुरंत जल निकासी के लिये कदम उठाने को कहा। उन्होंने सरकार से तुरंत जलनिकासी के साथ ही स्पेशल गिरदावरी कराकर किसानों को फसल खराब होने का 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देनेकी मांग भी की। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले गांवों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया जाए और सभी सुविधाएं प्रदान की जाए। इस दौरान विधायक बलराम दांगी भी मौजूद रहे।
दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में बारिश के बाद जगह-जगह हुए जल भराव पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि गांवों से लेकर शहरों तक जल निकासी की व्यवस्था न होने से फसल व संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। अधिकांश जिलों में खेतों, गलियों, सड़कों, कॉलोनियों सहित प्रमुख मार्गों और अंडरपास में बरसाती पानी भरने से लोग परेशान हैं। सड़कों पर कीचड़, फिसलन, बदबू फैलने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर सफाई कराने के बड़े-बड़े दावे करती है। सांसद ने मांग की है कि जलभराव वाले निचले इलाकों में पर्याप्त संख्या में पंप, बिजली मोटर, बिजली कनेक्शन आदि की व्यवस्था हो।
उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। तमाम नगर निगमों में सफाई घोटाले को अंजाम दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो पैसा शहर के सीवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सफाई पर खर्च होना था, वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शहरों के नाले तो साफ नहीं हुए, रुपया साफ हो गया। सांसद ने कहा कि प्रदेश की सड़कें तो पहले से ही जर्जर थीं, बरसात के कारण उनकी हालत और ज्यादा खराब हो चुकी है। सीवर ओवरफ्लो के गंदे पानी से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है।