आधुनिक तकनीक के साथ गुरुकुल शिक्षा के नैतिक मूल्यों का प्रतिष्ठापन किया जाएः कुलपति प्रो सुदेश

पद्मश्री सुभाषिणी की पुण्य स्मृति में बीपीएसएमवी में संगोष्ठी आयोजित।

आधुनिक तकनीक के साथ गुरुकुल शिक्षा के नैतिक मूल्यों का प्रतिष्ठापन किया जाएः कुलपति प्रो सुदेश

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय मात्र शिक्षण संस्थान ही नहीं, बल्कि नारी शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए भगत फूल सिंह व बहन सुभाषिणी द्वारा किए गए त्याग की जीवंत मिसाल है। आज जरूरत है कि उनकी इस तपोस्थली के मूल उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए आधुनिक तकनीक के साथ गुरुकुल शिक्षा के नैतिक मूल्यों का प्रतिष्ठापन किया जाए तथा नारी शिक्षा व सशक्तिकरण के संकल्प को दृढ़ किया जाए। ये आह्वान भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने विश्वविद्यालय के पद्मश्री बहन सुभाषिणी देवी शोधपीठ के तत्वावधान में आयोजित "गुरुकुलीय महिला शिक्षा - परंपरा से प्रयोग तक: सुभाषिणी देवी - मील का पत्थर" विषयक संगोष्ठी में किया।

पद्मश्री बहन सुभाषिणी देवी की पुण्य स्मृति में आयोजित इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्रो. रणवीर ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के रूप में बहन सुभाषिणी देवी की पुत्री बहन कमला रानी तथा शोधपीठ की मानद प्रोफेसर डॉ. शकुंतला उपस्थित रही।  

कुलपति प्रो सुदेश व अन्य गणमान्य अतिथियों ने इस अवसर पर शोधपीठ की निदेशिका डॉ. डेजी द्वारा लिखित मोनोग्राफ -  "सुभाषिणी देवी: गुरुकुल परंपरा में महिला शिक्षा को समर्पित कर्मयोगिनी" का लोकार्पण किया। इसके साथ ही पद्मश्री बहन सुभाषिणी देवी शोधपीठ के लोगो (प्रतीक चिन्ह) का भी अनावरण किया गया।

कुलपति प्रो सुदेश ने अपने संबोधन में शिक्षा की इस तपोस्थली के संस्थापक भगत फूल सिंह और उनकी पुत्री पद्मश्री बहन सुभाषिणी देवी के जीवन मूल्यों पर शोध की महत्ता से अवगत कराया। कुलपति ने शोधपीठ द्वारा आयोजित संगोष्ठी व लोकार्पण कार्यक्रम की सराहना की और आगामी दस्तावेजों के लिए शुभकामनाएं दी। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो. रणवीर ने गुरुकुल भैंसवाल व भगत फूल सिंह के जीवन से जुड़े संस्मरण साझा किए। उन्होंने बहन सुभाषिणी द्वारा गुरुकुल परंपरा को आगे बढ़ाने में किए गए संघर्ष की विस्तृत जानकारी भी दी।

इस संगोष्ठी में छात्र प्रतिनिधि के रूप में अंग्रेजी विभाग की शोधार्थी योगिता मलिक ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बहन सुभाषिणी के महिला शिक्षा के दृढ़-संकल्प ने इस सम्पूर्ण ग्रामीण अंचल की महिलाओं को शिक्षित किया। डीन, फैकल्टी आफ सोशल साइंस प्रो रवि भूषण ने संगोष्ठी का संचालन किया और शोधपीठ द्वारा किए जा रहे कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा दिया। धन्यवाद प्रस्ताव कुलसचिव डॉ. नीलम मलिक द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधार्थी एवं छात्राएं मौजूद रही।