बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के तहत रोहतक में मिशन ‘सुकन्या सुरक्षा’ तेजः उपायुक्त सचिन गुप्ता
जिला स्वास्थ्य समीक्षा बैठक आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने जिला स्वास्थ्य समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मिशन सुकन्या सुरक्षा के सुदृढ़ क्रियान्वयन पर जोर दिया। मिशन सुकन्या सुरक्षा बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ के तहत जिला का आईडी आधारित प्रेगनेंसी ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म है। उन्होंने कहा कि मिशन सुकन्या सुरक्षा जिला स्वास्थ्य निगरानी की रीढ़ के रूप में कार्य करेगा, जिसे मजबूत डिजिटल सिस्टम, व्यापक एनसीडी स्क्रीनिंग और बेहतर ब्लॉक-स्तरीय उत्तरदायित्व से समर्थन मिलेगा।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लंबित कार्य 31 दिसंबर तक पूर्ण किए जाएं। खंड अनुसार सुधार योजनाएं पांच दिनों में जमा की जाएं। पिछड़ते ब्लॉकों की पाक्षिक समीक्षा की जाएगी। स्वास्थ्य, आईसीडीएस, शिक्षा, पीएचईडी, शहरी स्थानीय निकाय तथा साझीदार संस्थानों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मिशन सुकन्या सुरक्षा जिला की सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, जिसके तहत पहली अल्ट्रासाउंड से शुरू होकर हर गर्भावस्था एक यूनिक प्रेगनेंसी आईडी से जुड़ती है और परिणाम दर्ज होने तक ट्रैक की जाती है, चाहे परिणाम जीवित जन्म, मृत जन्म, गर्भपात, वैध एमटीपी या रेफरल हो।
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी सरकारी या निजी केंद्र में आईडी बनाए बिना अल्ट्रासाउंड किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकता है। यदि डिजिटल ट्रेल में कहीं रुकावट आती है तो 48 घंटे के भीतर जांच अनिवार्य है। उन्होंने खंड स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि असामान्य रुझान वाले क्लीनिकों पर हर माह डिकॉय ऑपरेशन चलाएं।
उपायुक्त ने गत 4 नवंबर की कार्यवाही रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान कहा कि मानव संसाधन तर्कसंगतीकरण योजना में आंशिक प्रगति हुई है। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि 10 दिसंबर तक प्रथम पुनर्वितरण योजना पूरी करें, जिसके तहत 8-10 कर्मचारियों को अधिशेष से घाटे वाले ब्लॉकों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 सब-सेंटर और 2 पीएचसी में मरम्मत कार्य प्रगति पर है, जिनमें से सात पूरे हो चुके हैं। सभी संस्थान 31 दिसंबर तक पूर्ण रूप से क्रियाशील हों।
उपायुक्त ने कहा कि आभा फैसिलिटी लिंकिंग का कार्य 68 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। उन्होंने सांपला और कलानौर को 60 प्रतिशत से ऊपर ले जाने के लिए विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान में सुधार हुआ है, लेकिन महम और सांपला में और प्रयास किए जाये। उन्होंने लंबित मातृ-शिशु आरसीए रिपोर्टों पर आपत्ति जताते हुए 48 घंटे के आरसीए नियम का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि टीकाकरण कवरेज 90 प्रतिशत से ऊपर है और जीरो-डोज बच्चा शून्य है। एक प्रतिशत ड्रॉपआउट से संबंधित खंडों के लिए माइक्रो-सुधार योजना प्रस्तुत की जायें। परिवार नियोजन की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रसव के उपरांत परिवार नियोजन परामर्श को बढ़ाया जाये। उपायुक्त ने डेंगू नियंत्रण पर संतोष व्यक्त किया तथा शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग और स्रोत-नियंत्रण को और तेज करने के निर्देश दिए। टीबी नोटिफिकेशन और उपचार अनुपालन के सूचक स्थिर हैं। एनसीडी स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य वाहिनी समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने इसे तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एनसीडी स्क्रीनिंग जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और विशेष रूप से स्तन कैंसर की जांच को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जाए।
इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र, उप सिविल सर्जन डॉ. डिम्पल, राजवीर सभ्रवाल, डॉ. सुनीता धानिया, डॉ. सत्यवीर, डॉ. सुशीला गोदारा, डॉ. दिनेश गर्ग, डॉ. संजीव मलिक, डॉ. प्रतिभा, डॉ. आरके जैन, डॉ. विश्वजीत राठी, डॉ. नवदीप दांगी, डॉ. रेनू कंबोज, डॉ. शिवानी, डॉ. विनिता, जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, सीडीपीओ राजकला सहित कार्यालय सहायक सीमा, जिला महिला संरक्षण अधिकारी करमेंद्र कौर, सुरेश भारद्वाज, जिला समन्वयक निहारिका एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
Girish Saini 


