समाचार विश्लेषण/हाथरस और पिपली के संदेश?

समाचार विश्लेषण/हाथरस और पिपली के संदेश?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 

पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस गये तो जो हुआ सबने देखा कि किस तरह लाठीचार्ज किया गया । एसआईटी की जांच का बहाना लगाया गया और मिलने के बाद जो ववंडर उठाया वह अलग कि बहुत बड़े दंगे की आशंका थी । हद है । मीडिया भी साथ निभाने आ जाता है । मां और भाई आज तक रो रहे हैं कि हमें बेटी मनीषा का मुंह तक देखने नहीं दिया गया अंतिम संस्कार के समय । यह बर्बरता क्यों ? आखिर राज काज में कैसा डर ? क्या हो जाता अगर परिवार अपनी आंखों के सामने अपनी बेटी को विदा कर पाता ? क्यों यह मौलिक अधिकार भी छीन लिया ? जयंत चौधरी को भी नहीं जाने दिया । मायावती और अखिलेश ने कोशिश ही नहीं की । 

इधर राहुल गांधी की दो दिन की प्रस्तावित ट्रैक्टर यात्रा पर जिस तरह गृहमंत्री अनिल विज ने चेतावनी दी वह भी हैरान कर देने वाली थी । हरियाणा में घुसने नहीं देंगे । यह कहां का ऑर्डर ? कैसा ऑर्डर ? साफ तानाशाही । क्यों ? इस देश में लोकतंत्र को देश निकाला दे दिया क्या ? तड़ीपार कर दोगे क्या ? कोई विरोधी नेता प्रदर्शन या ट्रैक्टर यात्रा या कोई भी यात्रा नहीं कर सकता ? इसे एक दिन के कुछ घंटों में तब्दील किया गया । वैसे कोरोना काल की दुहाई बार बार मीडिया की ओर से दिलवाई जाती रही । कोरोना काल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ पर लागू क्यों नहीं होता ? तब मीडिया की नज़र क्यों नहीं जाती ? तब ध्यान दीजिए न । हाथरस और पिपली में एक ही बात काॅमन है और वह है दोनों जगह भाजपा सरकार शासन में है । इसलिए एक जैसे फार्मूले पर चल रही हैं और इन दोनों राज्यों को शायद गांधी या विरोधियों से निपटने की एक जैसी गाइडलाइंज दी गयीं जो कारगर नहीं हुईं । आखिर हाथरस में परिवार से मिलने देना पड़ा और पिपली के लिए भी छूट देनी पड़ी । इतनी फजीहत करवाने की जरूरत ही क्या थी ? कल आप ऐसे उदाहरण छोड़ जाओगे कि आपको भी इन्हीं गाइडलाइंज का सामना करना पड़ेगा । कहते हैं न कि किसी के लिए खोदे गये गड्डे अपने ही काम आते हैं । पश्चिमी बंगाल में जब ममता बनर्जी रोकती हैं तब किस अधिकार की दुहाई देते हो ? वहां आपके साथ गलत होता है या नहीं ? यही अधिकार सबको चाहिए । 

हिसार में सोनाली फौगाट कांड मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह की ट्रांस्फर से फिर सुलग गया है । न सुभाष बराला ने और न ही ओमप्रकाश धनखड़ ने सुभाष शर्मा की बात सुनी बल्कि पार्टी से बाहर करके संदेश दे दिया कि हम सोनाली के साथ हैं । यह संदेश बहुत दूर तक जायेगा । शायद बरोदा उप चुनाव में भी । समय रहते कोई कार्यवाही की जानी चाहिए । इतनी छूट और मेहरबानी किसलिए ? तेरी मेहरबानियां क्या संदेश देती हैं ?