एमडीयू नैक मान्यता मामलाः नैक ने आरएएफ को लेकर जारी की सार्वजनिक सूचना

एमडीयू कुलसचिव ने तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट की।

एमडीयू नैक मान्यता मामलाः नैक ने आरएएफ को लेकर जारी की सार्वजनिक सूचना

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू की नैक मान्यता तथा दूरस्थ व ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रमों की वैधता को लेकर उठ रहे सवालों पर तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट करते हुए विवि प्रशासन ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और समस्त हितधारकों को आश्वस्त किया है।

 

शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत एवं तथा डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2019 में एमडीयू को नैक से ‘ए प्लस’ ग्रेड प्राप्त हुआ था, जिसकी वैधता पांच वर्ष के लिए थी। इस अवधि की समाप्ति से पहले स्वयं नैक ने देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए नई पद्धति और व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया। 27 जनवरी 2024 एवं 5 दिसम्बर 2025 की अपनी सार्वजनिक अधिसूचनाओं में नैक ने स्पष्ट किया है कि वह डॉ. राधाकृष्णन समिति की संस्तुतियों के अनुसार बेसिक (बाइनरी) एक्रिडिटेशन तथा उसके बाद मैच्योरिटी-बेस्ड ग्रेडेड लेवल्स (एमबीजीएल) व्यवस्था की ओर अग्रसर है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन संस्थानों की मान्यता ‘रिवाइज़्ड एक्रिडिटेशन फ्रेमवर्क’ (आरएएफ) के तहत थी और जिनकी वैधता 27 जनवरी 2024 से लेकर एमबीजीएल लागू होने की तिथि के बीच समाप्त होनी थी, उनकी मान्यता नई व्यवस्था लागू होने के बाद अधिकतम तीन माह तक स्वतः बढ़ी मानी जाएगी तथा वे नई व्यवस्था के अंतर्गत पुनः मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगी।

 

नैक की सार्वजनिक अधिसूचना के अनुसार नैक ने एक (ट्रांजिशन फ्रेमवर्क) परिवर्तन की रूपरेखा की व्यवस्था घोषित की है। एमडीयू सहित वे सभी विवि, जिन्हें पहले से आरएएफ के तहत मान्यता प्राप्त थी और जिनकी मान्यता इस (ट्रांज़िशन विंडो) अवस्थांतर अवधि के दौरान समाप्त होनी थी, उन्हें नई एमबीजीएल आधारित प्रणाली लागू होने तक तथा उसके बाद घोषित अतिरिक्त अवधि तक मान्यता प्राप्त संस्थान ही माना जाएगा।

 

कुलसचिव ने बताया कि एमडीयू ने अपनी पूर्व मान्यता अवधि समाप्त होने से काफी पहले ही नैक को पत्र लिखकर नई प्रणाली के अंतर्गत आवेदन करने की तैयारी एवं इच्छा प्रकट कर दी थी और अनुरोध किया था कि नए दिशानिर्देशों के अनुसार आईआईक्यूए/एसएसआर जमा कराने की अनुमति दी जाए तथा तब तक पूर्व ‘ए प्लस’ ग्रेड की निरंतरता बनाए रखी जाए। इस संदर्भ में मदवि का नैक के साथ लगातार पत्राचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही नैक नई प्रणाली को पूर्ण रूप से लागू कर आवेदन की विंडो खोलता है, एमडीयू तुरंत अगली मान्यता चक्र के लिए आवेदन करेगा।

 

दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रमों पर उठे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों अधिकारियों ने सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीयूई) द्वारा पहले ही जारी की गई तथ्यात्मक स्थिति को दोहराया। उन्होंने कहा कि एमडीयू के सभी डिस्टेंस एवं ऑनलाइन कार्यक्रम यूजीसी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग एंड ऑनलाइन प्रोग्राम्स) विनियमों एवं अन्य लागू नियमों के अनुसार ही संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के लिए आवश्यक अनुमोदन संबंधित नियामक निकायों से विधिवत प्राप्त हैं और सत्र 2025–26 तक स्वीकृत कार्यक्रमों के संचालन के लिए वैध हैं। वर्तमान सत्र के लिए यूजीसी-डीईबी द्वारा 2025–26 में प्रवेशित सभी विद्यार्थियों के लिए डीईबी आईडी जनरेट की गई हैं, जो इन कार्यक्रमों की वैधता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।

 

कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने आश्वस्त किया कि किसी भी विद्यार्थी या अभिभावक को तनिक भी शंका करने की आवश्यकता नहीं है। सीडीओई के जिन भी स्वीकृत कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने विधिवत प्रवेश लिया है, वे सभी अपने पाठ्यक्रम को नियमानुसार पूरा करेंगे और उन्हें यूजीसी-डीईबी मानकों के अनुरूप मान्य डिग्री प्राप्त होगी। साथ ही, भविष्य में भी विद्यार्थियों के हित में एमडीयू से नए डिस्टेंस एवं ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।

 

विवि प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों एवं समाज के सभी वर्गों से अपील की गई कि वे अफ़वाहों से प्रभावित न हों, प्रक्रिया और प्रणाली पर विश्वास रखें तथा एमडीयू के नेतृत्व पर पूर्ण आस्था बनाए रखें।