मनीष कुमार शेखर ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में सौंपी शिकायत  

सीएए के विरोध के मुख्य सूत्रधारों के विरुद्ध कारवाई की मांग की  

मनीष कुमार शेखर ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में सौंपी शिकायत  
मनीष कुमार शेखर (मध्य) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के दफ्तर के बाहर अपनी शिकायत को दिखाते हुए।

नई दिल्ली: पशुधन एवं कृषि अनुसंधान साहित्य, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार शेखर ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत कर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध करने वाले एवं विरोध के मुख्य सुत्रधार कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानव अधिकार कानून के तहत कारवाई करने की मांग की है। 


आयोग के अध्यक्ष को दिये अपने शिकायत पत्र में श्री शेखर ने लिखा है कि प्नधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी की नेतृत्व वाली भारत सरकार ने संसद से पारित कर नागरिकता संशोधन कानून बनाया है। इस कानून के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बंगलादेश से इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण प्रताडित होकर 31 दिसम्बर 2014 के पहले से भारत में जो भी रह रहा है, उनके मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए भारत सरकार ने उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार दिया है। यह एक विशेष कानून है जिसमें सभी धर्मो के लोगों को भारत की नागरिकता देने की बात की गई है जिसकी प्रताड़ना हुई है। इसमें सभी धर्मों के नाम है लेकिन इस्लाम धर्म का नाम नहीं है क्योकिं तीनों इस्लामिक देश होने के कारण इस्लाम धर्म के लोगों की प्रताडना नहीं हुई एवं वे इस कारण वहां से प्नताडित होकर भारत में नही रह रहे है।
भारत की नागरिकता देने की समान्य कानून में किसी भी देश के कोई धर्म या मत को नागरिकता देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगलादेश या दुनिया का कोई भी मुस्लमान अथवा किसी भी धर्म या मत को मानने वाला भारत की नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर सकता है। भारत सरकार उसकी जांच कर भारत के मानदंड पर खरा पाने पर नागरिकता देती है। जो पहले भी दिया गया है और आगे भी दिया जाता रहेगा। सीएए कानून भारत के मुस्लमानों के विरोध में नहीं है तथा पाकिस्तान अफगानिस्तान, बंगलादेश या दुनिया के किसी भी मुसलमान के विरोध में नहीं है । यह सिर्फ और सिर्फ तीन देशों के प्रताडित लोगों को सम्मान से जीने का अधिकार एवं उनके मानव अधिकारों की रक्षा के लिए है । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीएए के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकार संरक्षण के लिए ऐतिहासिक कार्य किये है, जिससे प्रताड़ित परिवारों को न्याय, सम्मान एवं अधिकार मिला है तथा किसी का भी अहित नहीं हुआ है।

देश के कई कोने में कुछ राजनीतिक दल भारत के कुछ मुस्लमानों को गुमराह करके सीएए का विरोध करवा रहे हैं जिसके क्रम में दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में हिंसक विरोध भी किया गया । सीएए का विरोध राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है जो इस बात से प्रमाणित हो गया है कि सीएए के विरोध करने वालों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं कांग्रेस की महामंत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने मानव अधिकार आयोग में शिकायत की है। आम आदमी पार्टी के नेता तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल तथा उप मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में हुए हिंसक विरोध में अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से सहयोग किया तथा शाहिन बाग में सड़क बाधित कर कई दिनों से चल रहे विरोध का समर्थन किया है जो अनैतिक, अमानवीय एवं प्रताडित परिवारों के मानव अधिकारों का हनन है जिसे भारत की सरकार ने सम्मान से जीने का अधिकार दिया है।

एनआरसी अभी आया नहीं है तथा देश स्तर पर उसके कोई प्रवाधान तय नहीं हुए हैं लेकिन पहले से विरोध करके माहौल बनाया जा रहा है कि सरकार अपने नागरिकों तथा अपने देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम नहीं करें ।