सूफियाना संगीत का जादू छाया एमडीयू के फाउंडेशन डे कार्यक्रम में

सूफियाना संगीत का जादू छाया एमडीयू के फाउंडेशन डे कार्यक्रम में

रोहतक, गिरीश सैनी। सूफियाना संगीत का जादू महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगोर सभागार में शाम-ए-कव्वाली में खूब छाया। नामी कव्वाल हसनैन निजामी तथा उनके साथी कलाकारों ने खूबसूरत कव्वाली प्रस्तुतियों से विश्वविद्यालय के फाउंडेशन डे कार्यक्रम को सुरीले सुरों से सजाया।

एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. गुलशन लाल तनेजा, उनकी धर्मपत्नी अरूणा तनेजा समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों, प्राध्यापकों, गैर शिक्षक कर्मियों तथा विद्यार्थियों ने शाम-ए-कव्वाली का लुत्फ उठाया।

प्रतिष्ठित कव्वाल हसनैन निजामी ने परवरदिगार की इबादत से कव्वाली कार्यक्रम का आगाज किया। अमीर खुसरो की रचना- छाप तिलक सब छीनी तीसे नैना मिलाए के की प्रस्तुति से उपस्थित जन को कव्वाली के जरिए दिव्यता की अनुभूति करवाई। भर दे झोली मेरी मेरे मौला, पिया हाजी अली, कुन फाया कुन समेत अनेक कव्वालियों की प्रस्तुति निजामी बंधु कव्वाली पार्टी ने दी।

कार्यक्रम समन्वयन-संचालन निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया। आयोजन सहयोग सहायक निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी ने किया। निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। सुनित मुखर्जी ने कव्वाली गायन समेत सूफी संगीत के इतिहास पर प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने किया। उन्होंने कव्वाल बंधुओं की प्रस्तुति को सराहा।

कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. नरेन्द्र रोहिल्ला उपस्थित रहे। शाम ए कव्वाली का समापन निजामी बंधु द्वारा प्रस्तुत लोकप्रिय कव्वाली दमादम मस्त कलंदर से हुआ। टैगोर सभागार में उपस्थित जन कव्वाली प्रस्तुतियों से झूम उठे।