बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर के कार्यालय के बाहर भाजपा का धरना 

चीफ इंजीनियर को सौंपा ज्ञापन 

बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर के कार्यालय के बाहर भाजपा का धरना 

लुधियाना: जिला भाजपा प्रधान पुष्पिंदर सिंघल ने बिजली के औद्योगिक कनेक्शन पर फिक्स्ड खर्चे माफ न करने और घरेलू बिजली कनेक्शन पर फिक्स्ड खर्चे बढ़ाने की घोषणा पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर के कार्यालय के बाहर धरना दिया और इस संबंध में एक ज्ञापन भी चीफ इंजीनियर को सौंपा।  
उन्होंने कहा कि एक बार फिर पंजाब की अमरिंदर सरकार अपनी घोषणा से पीछे हट गई है जिस से ये साफ जाहिर होता है कि सरकार पंजाब की जनता और उद्योगों की परेशानियों को लेकर संजीदा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के समय अप्रैल के शुरुवात में उद्योगपतियों की मांग पर औद्योगिक खपत वाले मध्यम सप्लाई (एमएस) और लार्ज सप्लाई (एलएस) कनेक्शन पर 22 मार्च से 22 मई तक 2 महीनों तक बिजली बिल में लगने वाले फिक्स्ड खर्चो को न लेने की घोषणा कर वाहवाही लूटी थी। लेकिन कुछ दिन पहले सरकार द्वारा ही स्थापित पावर रेगुलेटरी कमीशन ने सरकार के इस आदेश को पलटते हुए ये फिक्स्ड खर्चे माफ करने के बजाय 6 किश्तों में लेने का फरमान सुना दिया जो सरासर पंजाब के उद्योगपतियों के साथ धोखा है। 
उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों का बंद स्वैछिक नहीं था बल्कि सरकार के आदेशों की वजह से था इसलिए बिजली के फिक्स्ड खर्चों को माफ करना सरकार की जिम्मेवारी बनती है। इसके अतिरिक्त घरेलू बिजली आपूर्ति पर भी सरकार ने 1 जून 2020 से चोर रास्ते से अधिक बिल वसूल करने की योजना लागू कर दी है। घरेलू आपूर्ति पर विभाग ने प्रति यूनिट बिजली उपभोग करने पर तो मामूली कमी की है जिसकी सरकार वाहवाही लूटना चाहती है पर साथ ही 2 किलोवाट से 7 किलोवाट कनेक्शन पर फिक्स्ड खर्चे 45 रु प्रति किलोवाट से 60 रु कर दिए हैं। इसी तरह 7 किलोवाट से 50 किलोवाट कनेक्शन पर फिक्स्ड खर्चे 50 रु प्रति किलोवाट से 75 रु प्रति किलोवाट कर दिए गए हैं। इसकी वजह से अंत मे जब बिजली बिल बनता है वो पहले की अपेक्षा बढ़कर आ रहा है। 
जिला प्रधान पुष्पिंदर सिंघल ने कहा कि बड़े दुख और शर्म की बात है कि पंजाब की चुनी हुई सरकार इस तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को लूटने में लगी है। पंजाब के उद्योग इस स्थिति में नहीं हैं कि वो बिना उद्योग चलाए इन फिक्स्ड खर्चों को अदा कर सकें। मुख्यमंत्री ने जब 2 महीने के लिए फिक्स्ड खर्चे माफ करने की घोषणा की थी तब उन्होंने पावर रेगुलेटरी कमीशन को विश्वास में क्यों नहीं लिया। 
जिला प्रधान ने पंजाब सरकार से मांग की है के जल्दी ही सरकार अपनी घोषणा अनुसार इन फिक्स्ड ख़र्च की बनती रकम की अदायगी बिजली बोर्ड को करे और साथ  ही घरेलू उपभोग के बढ़ाये हुए फिक्स्ड खर्चे वापिस लेकर पंजाब की जनता और और उद्योगों को राहत प्रदान करे।  
इस मौके पर भाजपा पंजाब भाजुमो के उपाध्यक्ष हर्ष शर्मा, जिला मीडिया प्रमुख सतीश कुमार,जिला उपाध्यक्ष योगेंद्र मकोल, राम गुप्ता, सचिव संजय गोसाई, नवल जैन, अश्वनी बहल, मंडल प्रधान आकाश गुप्ता आदि मौजूद थे।