बाढ़ प्रभावित किसानों की तरह व्यापारियों को भी दिया जाये मुआवजा अन्यथा व्यापारी बजायेंगे संघर्ष का बिगुल

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की ओर से माता रानी स्थित कार्यालय में राज्य महामंत्री सुनील मेहरा, जिला प्रधान परवीन गोयल और जिला महामंत्री आयुष अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। 

बाढ़ प्रभावित किसानों की तरह व्यापारियों को भी दिया जाये मुआवजा अन्यथा व्यापारी बजायेंगे संघर्ष का बिगुल

लुधियाना, 2 अगस्त: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की ओर से माता रानी स्थित कार्यालय में राज्य महामंत्री सुनील मेहरा, जिला प्रधान परवीन गोयल और जिला महामंत्री आयुष अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। 


नेताओं ने पंजाब के बिगड़ते हालात पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पहले से ही कोरोना महामारी से 3 लाख करोड़ के नुकसान से उभरते पंजाब की उद्योग को पिछले एक महीने से बाढ़ की आपदा ने एक और बड़ा झटका दिया है। पंजाब के उद्योग के अलावा पंजाब की अर्थव्यवस्था को भी झटका मिला है। बाढ़ की वजह से पंजाब के सभी फोकल पॉइंट्स की हालत बहुत खराब हो चुकी है। हर जगह खड्डों ने अपना घर बना लिया है। पंजाब के राज्य मार्ग की भी हालत खस्ता हो रखी है जिसकी वजह से बाहर से व्यापारियों का आना मुश्किल हो चुका है। पहले से ही मंदे की दौर से गुजर रहे पंजाब के उद्योग व्यापार को बिजली के बढ़े दामों की वजह से सालाना 2000 करोड़ रुपए  का नुकसान हुआ है और उस पर से राज्य सरकार का व्यापार विरोधी नीतियों के कारण 60000 से भी ज्यादा उद्योग और 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा का निवेश राज्य से बाहर जा चुका है और अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और तमिल नाडु की ओर रुख कर चुका है। राज्य सरकार का पेट्रोल और डीजल पर भी 1 रुपए प्रति लीटर कर बढ़ाने से उद्योग और व्यापार जगत पर सालाना 700-800 करोड़ का बोझ बढ़ेगा।


उन्होंने ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब की 55% जनता जो की उद्योग और व्यापार में है , एक आशा की किरण समझ कर `आप' सरकार को वोट डाल कर सत्ता में लाई थी।  लेकिन, सरकार केवल अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए लगी हुई है जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2023 में 2 बार बिजली की दरें बढ़ाई गई जबकि व्यापार उद्योग से 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली मुहैया कराने का ऐलान किया गया था। पंजाब में पहले से ही मंदे की लहर की वजह से और अब बाढ़ की स्थिति की वजह से पंजाब का बेरोजगारी दर राष्ट्रीय दर से भी बढ़कर 9% हो चुका है और सरकार केवल 25000 नौकरियां दे पाई है। वहीं  लॉकडाउन के बाद व्यापार जगत से जुड़े 90% लेबर को उद्योग नौकरी दे चुका है। जिसका सीधा प्रभाव GST कर से पता लगता है जो करना महामारी के दौरान 156 करोड़ रुपए से बढ़ कर मासिक 2500-3000 करोड़ रुपए पहुंच गया है। फिर भी यह अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा से आधे पर है। पंजाब का GST कर संग्रह 15% से बढ़ता है जबकि हरियाणा जो कभी पंजाब से पीछे था, उसका कर संग्रह 35% से बढ़ता है। 


उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ की वजह से अभी तक राज्य को 1000 से 1500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जबकि केवल पंजाब के व्यापार उद्योग को 500 से 600 करोड़ का नुकसान हुआ है। 


व्यापारी नेताओं ने भगवंत मान सरकार से मांग की कि जिस तरह राज्य और केंद्र सरकार ऐसी आपदा के  समय किसानों के बारे में सोचती है, जैसे कि 218 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से राज्य सरकार को आपदा से निपटने के लिए दिए गए है, वैसे ही राज्य सरकार को राज्य के उद्योग व्यापार के बारे में भी सोचना चाहिए और सरकार को उद्योग व्यापार जगत की सहायता के लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए। 


उन्होंने कहा कि यह भी कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बैठक करने के लिए कई बार कहा गया जिसमे व्यापार उद्योग को आ रही दिक्कतों के बारे में विचार विमर्श करना था लेकिन मुख्यमंत्री के पास व्यापारियों की समस्या सुनने तक का समय नहीं है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास राज्य आपदा निपटान निधि में 2020 से 2026 तक 1 लाख 28 हजार करोड़ रुपए रखे हुए है जिनमें से अभी तक वह 42 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कई राज्यों को कर चुकी है। पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य जोकि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है , उसकी सहायता के लिए 1 हजार करोड़ की निधि यहां से निकाल सकती है और बाकी का राज्य सरकार अपने निधियों से भुगतान दे सकती है। 

उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि उद्योग जगत की सहायता करने की बजाए राज्य सरकार मरम्मत के बहाने कर के बिजली की अघोषित कट लगा कर उद्योग की कमर तोड रही है। आंकड़ों के मुताबिक पीएसपीसीएल को बाढ़ की आपदा की वजह से 16 करोड़ का नुकसान हुआ है जिसकी वजह से राज्य में कई जगह 66KV फीडर फेल हो चुके हैं।

व्यापारिक नेताओं ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने राज्य के व्यापार और उद्योग को बचाने  के लिए कुछ कड़े कदम न उठाए जैसे कानून व्यवस्था में सुधार, अफसरशाही से राहत,  24 घंटे बिजली , बाढ़ आपदा से निपटने के लिए आर्थिक कदम, तो अगले महीने राज्य व्यापार सम्मेलन में जो भी व्यापारी और उद्योगपति निर्णय लेंगे उसकी सारी जिम्मेदारी `आप' सरकार की होगी। 

इस मौके पर प्रधान पवन लहर, उप प्रधान अश्वनी महाजन, महामंत्री परवीन शर्मा, एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा व अन्य उपस्थित थे।