पं. लख्मी चंद का जीवन रचनात्मकता का एक शाश्वत पाठः डॉ. अमित आर्य
डीएलसी सुपवा में पं. लखमी चंद को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
रोहतक, गिरीश सैनी। सूर्य कवि पंडित लखमी चंद की पुण्यतिथि पर स्थानीय दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विवि (डीएलसी सुपवा) के कुलपति डॉ. अमित आर्य ने विवि परिसर में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा सहित डीन अकादमिक डॉ. अजय कौशिक, निदेशक (आईटी) डॉ. सीमा, दृश्य कला विभागाध्यक्ष विनय कुमार, फिल्म/टीवी विभागाध्यक्ष महेश टी.पी. एवं अन्य संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों ने भी महान कवि-दार्शनिक को श्रद्धांजलि दी।
पं. लखमी चंद, जिन्हें हरियाणवी रागनी और सांग परंपरा के सूर्य कवि के रूप में सम्मानित किया जाता है, राज्य की लोक और साहित्यिक विरासत में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। राजा हरिश्चंद्र, सेठ ताराचंद, हीर रांझा, राजा गोपीचंद, मीरा बाई और भगत पूरणमल जैसी उनकी प्रतिष्ठित रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। उनकी महान कृति, लख्मीचंद का ब्रह्म ज्ञान, हरियाणवी साहित्य की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है, जिसे दशकों से कलाकारों ने गाया है।
2019 में उनके सम्मान में पुनः नामित डीएलसी सुपवा, कला, साहित्य और नैतिक ज्ञान में उनके योगदान का जीवंत प्रमाण है।
कुलपति डॉ. अमित आर्य ने कहा कि पं. लखमी चंद का जीवन रचनात्मकता, विनम्रता और अपनी जड़ों के प्रति समर्पण का एक शाश्वत पाठ है। उनके पदों ने न केवल हरियाणा की धरती की लय को बल्कि मानवता के नैतिक ताने-बाने को भी छुआ है। उनके नाम पर एक विवि होने के नाते, उनके ज्ञान और सांस्कृतिक गौरव की मशाल को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। कुलपति ने सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं भी दी।
कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक मनोचा ने कहा कि पं. लखमी चंद ने लोक अभिव्यक्ति को शिक्षा और नैतिक चिंतन का माध्यम बना दिया। एक विनम्र कलाकार से एक श्रद्धेय संत-कवि तक की उनकी यात्रा आज भी हर छात्र को कला के माध्यम से सत्य और उद्देश्य खोजने के लिए प्रेरित करती है।
इस दौरान कुलपति ने विवि के एचकेआरएन कर्मचारियों को मिठाइयां वितरित की। दृश्य कला विभाग के सहायक प्रोफेसर जगसीर सिंह के नेतृत्व में एनिमेशन एवं मल्टीमीडिया के छात्रों ने कुलपति को उनका एक विशेष रूप से तैयार किया गया चित्र भेंट किया। डॉ. अमित आर्य ने छात्रों के रचनात्मक प्रयास की सराहना की।
Girish Saini 


